मेला ग्राउंड रोड पर भारी संख्या में गोवंश, दुर्घटनाओं का अंदेशा
दिल्ली-रोहतक रोड पर ही नहीं बल्कि मेला ग्राउंड रोड पर भी भारी मात्रा में बेसहारा गोवंश घूमता रहता है। यहां पर गोवंश के लिए पहले एक खोर बनाई हुई थी लेकिन ग्रीन बेल्ट बनाने के चक्कर में उसे तोड़ दिया गया।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: शहर के दिल्ली-रोहतक रोड पर ही नहीं बल्कि मेला ग्राउंड रोड पर भी भारी मात्रा में बेसहारा गोवंश घूमता रहता है। यहां पर गोवंश के लिए पहले एक खोर बनाई हुई थी लेकिन ग्रीन बेल्ट बनाने के चक्कर में उसे तोड़ दिया गया। इस कारण करीब 30 से ज्यादा बेसहारा गोवंश यहां पर सड़क पर ही घूमता रहता है। यहां से गुजरने वाले वाहनों व लोगों के लिए ये बेसहारा गोवंश कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। यहां पर कई बार वाहनों की टक्कर गोवंश से होने के कारण लोग भी घायल हुए हैं।
आंबेडकर स्टेडियम के पास ये गोवंश इधर-उधर घूमते रहते हैं, जिनसे हादसों की संभावना बनी रहती है। उधर, बेसहारा गोवंश को पकड़ने के लिए एसडीएम की ओर से लिखे पत्र के बाद वीरवार को नगर परिषद प्रशासन अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। एसडीएम ने पूछा था कि बेसहारा गोवंश को पकड़ने के लिए नप की ओर से अब तक क्या कार्रवाई की गई। नप प्रशासन जमीन न होने का बहाना ले रहा है। नप प्रशासन का कहना है कि बेसहारा गोवंश को पकड़ने के बाद उन्हें छोड़ने के लिए नप के पास कोई जमीन नहीं है। जमीन मिल जाए तो बेसहारा गोवंश को पकड़कर वहीं छोड़ दिया जाएगा। भगवान के घर से लौटा: बुल्लड़
शहर के सेक्टर छह निवासी बुल्लड़ पहलवान ने बताया कि 20 दिसंबर 2018 की बात है। मैं बादली रोड से गुजर रहा था। आंबेडकर स्टेडियम के सामने अचानक दो सांड लड़ते हुए उसकी गाड़ी के सामने आ गए। इससे गाड़ी अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। अचानक गाड़ी के ब्रेक लगाने की कोशिश की, जिसकी वजह से मेरा सिर फ्रंट शीशे से जा टकराया और गर्दन में अंदरूनी चोटें आई। हालांकि इस घटना में ज्यादा चोटें नहीं आई लेकिन मुझे पता है कि मैं इस घटना में भगवान के ही घर से लौटा था। बेसहारा गोवंश लोगों की जिदगियां लील रहे हैं और प्रशासन व सरकार हाथ पर हाथ धरे चुप बैठी है। इन्हें पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। बेसहारा गोवंश को लेकर मैंने नप को पत्र लिख रखा है। वीरवार को नप की ओर से रिपोर्ट दी जाएगी। उसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
- हितेंद्र शर्मा, एसडीएम, बहादुरगढ़