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एमआइई में 2600 फैक्ट्रियों को फायदा पहुंचाने के लिए 8.85 करोड़ से दबाई जाएगी 25 किलोमीटर लंबी नई सीवर लाइन

एस्टीमेट को स्वीकृति के लिए पंचकूला स्थित निगम मुख्यालय में भेज दिया है। अब 200 एमएम की बजाय 300 एमएम डायामीटर चौड़ी पाइप लाइन दबाई जाएगी। करीब 25 किलोमीटर लंबी नई सीवर लाइन डालने का यह प्रस्ताव है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 06:30 AM (IST)
एमआइई में 2600 फैक्ट्रियों को फायदा पहुंचाने के लिए 8.85 करोड़ से दबाई जाएगी 25 किलोमीटर लंबी नई सीवर लाइन
एमआइई में 2600 फैक्ट्रियों को फायदा पहुंचाने के लिए 8.85 करोड़ से दबाई जाएगी 25 किलोमीटर लंबी नई सीवर लाइन

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: हरियाणा राज्य औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम(एचएसआइआइडीसी) ने आधुनिक औद्योगिक संपदा (एमआइई) के पार्ट ए व बी में नई सीवर लाइन डालने का निर्णय लिया है। इसके लिए उद्योगपतियों से विचार-विमर्श करके 8.85 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया है।

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करीब 2600 फैक्ट्रियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह सीवर लाइन डाली जाएगी। एस्टीमेट को स्वीकृति के लिए पंचकूला स्थित निगम मुख्यालय में भेज दिया है। अब 200 एमएम की बजाय 300 एमएम डायामीटर चौड़ी पाइप लाइन दबाई जाएगी। करीब 25 किलोमीटर लंबी नई सीवर लाइन डालने का यह प्रस्ताव है। एस्टीमेट पास होने के बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी करके काम शुरू किया जाएगा। नई सीवर लाइन डाले जाने से यहां पर फैक्ट्री संचालकों को सीधे तौर पर फायदा होगा। सल्फेट रजिस्टेंट युक्त होगी नई पाइपलाइन, एसिड का भी नहीं होगा असर

एमआइई पार्ट ए व बी में डाली जाने वाली नई सीवर लाइन के पाइप सल्फेट रजिस्टेंट युक्त होंगे। एनपी क्लास 3 के आइएसआइ मार्का भारी पाइप काफी अच्छी गुणवत्ता के होंगे। अगर कोई फैक्ट्री संचालक सीवर लाइन में एसिड भी छोड़ेगा तो सीवर लाइन के पाइपों पर इसका कोई असर नहीं होगा। पहले यहां पर एसडब्ल्यू यानी स्टोर वेयर पाइप दबे थे, जिनकी मरम्मत में काफी परेशानी होती थी। उधर, सड़क के एक तरफ ये पाइप दबाए जाएंगे। सड़क के दूसरी ओर की फैक्ट्रियों को कनेक्शन देने के लिए 200 से 300 एमएम डायामीटर के डीआइ पाइप सड़क को पार करके छोड़े जाएंगे। तीन-चार फैक्ट्रियों पर एक चैंबर बनाया जाएगा ताकि बाद में कोई सीवर कनेक्शन ले तो सड़क न उखाड़नी पड़े। एमआइई की मेन लाइन ठीक-ठाक है। सिर्फ अंदरूनी सड़कों की सीवर लाइन खराब हो चुकी है। इसीलिए अब नई लाइन डालने के साथ-साथ 702 नए मैनहोल भी बनाए जाएंगे।

1980 में डाली गई सीवर लाइन हो चुकी जर्जर

बहादुरगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र छिकारा, विकास आनंद सोनी, महासचिव सुभाष जग्गा व सह सचिव हरी शंकर बाहेती बताते हैं कि एमआइई क्षेत्र वर्ष 1973-74 में विकसित हुआ था। पार्ट ए व बी में सरकार की ओर से 2600 प्लाट आवंटित किए गए थे। यहां पर फ्री होल्ड प्लाटों को मिला दें तो करीब 5 हजार फैक्ट्रियां इन दोनों भागों में हैं। यहां पर 1980 में आठ इंची सीवर लाइन डाली गई थी, जो बिल्कुल डैमेज हो चुकी है। इस कारण सीवर लाइन अकसर जाम रहती है। इस लाइन को कई बार साफ करवाया जा चुका है लेकिन लाइन जाम होकर सीवर ओवरफ्लो हो जाता है और सड़कों पर गंदा पानी जमा हो जाता है। अब कई सड़कों पर तो यहां के हालात बद से बदतर हो गए हैं। एमआइई पार्ट ए व बी की सीवर लाइन कंडम हो चुकी है। सीवर लाइन की कई बार सफाई कराई जा चुकी है लेकिन कुछ ही दिनों में यह दोबारा से जाम हो जाती थी। ऐसे में सीवर ओवरफ्लो हो जाता था। सीवर जाम की शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसीलिए निगम के उच्च अधिकारियों ने उद्यमियों से विचार-विमर्श करके यहां पर नई सीवर लाइन डालने का निर्णय लिया है। दोनों भागों का सर्वे होने के बाद एस्टीमेट बनाया जा चुका है। एस्टीमेट को निगम मुख्यालय से स्वीकृति मिलने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

नवीन मलिक, सहायक प्रबंधक, एचएसआइआइडीसी, बहादुरगढ़।


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