टीकरी बॉर्डर पर 11 किसानों ने रखा व्रत, आज से तीन दिन के लिए करेंगे टोल फ्री
फोटो-8 जागरण संवाददाता बहादुरगढ़ कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर वार्ता सिरे न
फोटो-8:
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर वार्ता सिरे न चढ़ने से किसान आंदोलन अब कितना लंबा खिचेगा, यह तय नहीं है। इस बीच टीकरी बॉर्डर पर किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल जारी है। वीरवार को 11 किसान इस हड़ताल में शामिल हुए। इसमें कुछ पंजाब के और कुछ हरियाणा के शामिल थे। शुक्रवार से किसानों ने तीन दिनों के लिए टोल फ्री करने का एलान कर रखा है। साथ ही प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के दौरान किसान ताली व थाली भी बजाएंगे। वीरवार को किसान आंदोलन का 29वां दिन बीता। आंदोलन के कारण बहादुरगढ़ के आसपास के क्षेत्र में व्यापार-उद्योग पर भारी असर पड़ रहा है। एक तरफ किसान सड़क पर डटे हैं और दूसरी तरफ हजारों लोग काम-धंधे के लिए परेशान हैं।
वीरवार को भी टीकरी बॉर्डर पर किसानों को समर्थन देने कर्नाटक से अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन की बीआर पूर्णा, झारखंड से पूर्ण महतो पहुंचे। पूर्ण महतो ने कहा कि 28 दिसंबर को जिला मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। 29 दिसंबर को राज भवन का घेराव किया जाएगा। वहीं ओडिशा से महिला संगठन की छवि मोहंती पहुंची। पंजाबी लोकगायक मंजीत मान भी समर्थन देने पहुंचे। इनके अलावा सुरेंद्र झंडिया, अजय सिंह बराड़, जोगेंद्र लोहरिया, भगवान बीकेयू, जींद से कुलदीप, मीठू सिंह ने भी पहुंचकर समर्थन दिया।
राशन के साथ ईंधन की सप्लाई पर जोर
किसान आंदोलन में अब राशन के साथ ही चूल्हों के ईंधन की सप्लाई पर जोर है। पंजाब से आने वाले नए टै्रक्टर-ट्रालियों में राशन के सामान के साथ ही लकड़ियां भी खूब भरकर आ रही हैं। इस समय ठंड के चलते केवल खाना ही नहीं बल्कि चाय और गर्म पानी के लिए ज्यादातर चूल्हे पूरा दिन चलते हैं। उनमें ईंधन की जरूरत पड़ती है। हर ट्रैक्टर-ट्राली के पास देशी वाटर हीटर भी रखा हुआ है। उसमें लकड़ी की ही जरूरत पड़ती है।