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गड़बड़झाला : बिना ढेरी अनाज मंडी में हुई गेहूं की सरकारी बोली

जागरण संवाददाता अंबाला शहर अंबाला शहर अनाज मंडी में गेहूं खरीद को लेकर बड़े स्तर प

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 09:59 AM (IST)
गड़बड़झाला : बिना ढेरी अनाज मंडी में हुई गेहूं की सरकारी बोली

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अंबाला शहर अनाज मंडी में गेहूं खरीद को लेकर बड़े स्तर पर गड़बड़झाला हो रहा है। अनाज मंडी में न तो कोई किसान गेहूं की फसल लेकर पहुंचा और नहीं कोई गेहूं की ढेरी थी। इसके बावजूद सरकारी बोली शुरू कर दी गई। जबकि नियमों के मुताबिक बिना गेहूं की ढेरी के सरकारी बोली किसी भी सूरत में नहीं की जा सकती। लेकिन बड़े खेल पर पर्दा डालने के लिए अचानक से बोली का प्लान कर दिया गया।

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बता दें कि अंबाला शहर अनाज मंडी में मार्केट कमेटी और हैफेड के कर्मियों ने सरकारी बोली शुरू कर दी। जबकि अनाज मंडी में कोई भी गेहूं की ढेरी नहीं थी। मामला दैनिक जागरण के संज्ञान में आया तो मौके पर पहुंचकर हालात देखे गए। जहां बिना अनाज की ढेरी के ही सरकारी बोली करने का काम किया जा रहा था। मामले में जब कर्मियों से बातचीत की गई तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था। बल्कि मीडिया को देखकर कुछ समय के लिए कर्मियों ने सरकारी बोली को रोक दिया। ऐसे में कुछ समय के लिए इंतजार करना पड़ा। मामला बिगड़ते देख कर्मियों ने गेहूं के कुछ थैलों को मंडी के थड़े पर खुलवाना शुरू कर दिया। मामले में हैफेड डीएम से संपर्क किया लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं की। रजिस्टर में चढ़ा दिया गेहूं

अनाज मंडी में गेहूं की फसल की खरीद 28 अप्रैल तक हुई थी। इसके बाद खरीद कार्य को बंद कर दिया गया था। इसी दौरान ऐसे भी गेट पास कट गए जो इस समय सवालों के घेरे में हैं। क्योंकि ज्यादातर किसान पहले ही अपनी गेहूं को बेच चुके थे। यदि इन गेट पासों की जांच की जाए तो मामले की परतें खुल सकती हैं। आंकड़ों में खेल कर कुछ थैलों को दिखा दिया हजारों क्विंटल

अनाज मंडी में कुछ ही थैलों में गेहूं भरी हुई थी। इन थैलों में कुछ हद तक क्विटल हो सकते हैं। लेकिन कागजों में हजारों क्विटल चढ़ते रहे। अनाज मंडी में इस समय सिर्फ एजेंसियों की ओर से खरीदा गेहूं ही शेड के नीचे और बाहर तिरपाल से ढककर लगाया हुआ है। यूपी बिहार के गेहूं को छिपाने के लिए हुआ खेल

प्रदेश में गेहूं की 1975 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जाती है। लेकिन उत्तर प्रदेश में 1400 से लेकर 1500 और बिहार में लगभग 1200 रुपये प्रति क्विटल की दर से गेहूं उपलब्ध हो जाती है। उत्तर प्रदेश और बिहार से ट्रालों के जरिये मंगवाया जाता है। जिसे बाद में पंजाब के किसान या फिर यही के किसान के नाम पर गेट पास बनाकर बेच दिया जाता है। ऐसे में प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया जाता है। ढेरी न हो तो बोली नहीं हो सकती, लेकिन बरसात की वजह से लूस माल भर लिया था। अब माल इंस्पेक्टर देखकर लिख रहा है। 29 अप्रैल के जो गेट पास कटे थे, इसका सरकार को डाटा भेज दिया गया था। उसी की बोली हुई। 153 गेट पास कटे हुए हैं और इनका 8807 क्विटल गेहूं है।

आशा रानी, सेक्रेटरी, अंबाला शहर अनाज मंडी।


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