Move to Jagran APP

अंबाला में गेहूं की पैदावार में गिरावट और मंडियों में पहुंच गया साढ़े नौ लाख क्विंटल अधिक अनाज

इस साल धान ही नहीं बल्कि गेहूं को लेकर जिले की अनाज मंडियों में खूब गड़बड़झाला हुआ लेकिन अफसरों ने करोड़ों रुपये के गोलमाल को दबाए रखा। मामले में कार्रवाई करना तो दूर जांच करना भी उचित नहीं समझा। इस साल प्रति एकड़ गेहूं का उत्पादन 19 से लेकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 06:10 AM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 06:10 AM (IST)
अंबाला में गेहूं की पैदावार में गिरावट और मंडियों में पहुंच गया साढ़े नौ लाख क्विंटल अधिक अनाज
अंबाला में गेहूं की पैदावार में गिरावट और मंडियों में पहुंच गया साढ़े नौ लाख क्विंटल अधिक अनाज

अवतार चहल, अंबाला शहर

loksabha election banner

इस साल धान ही नहीं बल्कि गेहूं को लेकर जिले की अनाज मंडियों में खूब गड़बड़झाला हुआ, लेकिन अफसरों ने करोड़ों रुपये के गोलमाल को दबाए रखा। मामले में कार्रवाई करना तो दूर, जांच करना भी उचित नहीं समझा। इस साल प्रति एकड़ गेहूं का उत्पादन 19 से लेकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ रहा है। जबकि पिछले साल प्रति एकड़ 23 से लेकर 24 क्विंटल पैदावार हुई थी। इस वर्ष पैदावार में गिरावट आने के बावजूद मंडियों में लगभग साढ़े नौ लाख क्विंटल अधिक गेहूं की आवक हुई।

पिछले कुछ वर्षो से राइस मिलर उत्तर प्रदेश और बिहार से चावल मंगवाते रहे हैं। इसमें पंजाब के लोगों के नाम पर गेट पास कट जाते रहे हैं। ऐसे में कोई रिकॉर्ड ही नहीं रहता कि माल बिहार या उत्तर प्रदेश से आया है। कागजों में सिर्फ पंजाब का माल बन जाता है। मोटा मुनाफा कमाने के लिए गड़बड़ की जाती है। इसी तरह इस साल गेहूं में भी खूब खेल हुआ, लेकिन किसी भी अधिकारी ने कार्रवाई करने की बजाए चुप्पी साधे रखी।

------- -दामों में था काफी अंतर

प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की गेहूं की फसल 1975 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की गई थी। परंतु दूसरे प्रदेशों में सरकारी खरीद नहीं होने के कारण बिहार से गेहूं 1200-1300 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश में 1400 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से लायी गई। इस तरह प्रति क्विंटल काफी मुनाफा हुआ। वहीं दूसरे प्रदेशों से गेहूं मंगवाने में और भी मुनाफे रहते हैं। क्योंकि इसमें एक आढ़त का खर्च भी नहीं पड़ता। इसके साथ दूसरे प्रदेशों से मंगवाए जाने वाले गेहूं की सफाई करने की भी जरूरत नहीं पड़ती। क्योंकि साफ अनाज मिलता है। इसके लिए सिर्फ ट्रांसपोर्ट का ही खर्च चुकाना पड़ता है।

------ -जिले की मंडियों में इतना गेहूं पहुंचा अनाज मंडी - इस साल - पिछले साल

अंबाला शहर - 945227 - 571135

अंबाला छावनी - 153914 - 111041

मुलाना - 783763 - 578960

नन्यौला - 140825 - 75102

बराड़ा - 415887 - 334025

नारायणगढ़ - 445370 - 330266

शहजादपुर - 276758 - 207911

------- -इन मंडियों में इतनी अधिक पहुंची गेहूं

मंडी - गेहूं की आवक क्विंटल में

अंबाला शहर - 374092

अंबाला छावनी - 42873

मुलाना - 204803

नन्यौला - 65723

बराड़ा - 81862

नारायणगढ़ - 115104

शहजादपुर - 68847

कुल - 953304

------ पिछले साल से कम रही उपज

प्रगतिशील किसान शमशेर सिंह का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष गेहूं की पैदावार कम रही है। पिछले साल उत्पादन प्रति एकड़ 23 से लेकर 24 क्विंटल प्रति एकड़ था, लेकिन इस साल घटकर 19 से 20 क्विंटल प्रति एकड़ रह गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.