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आयुर्वेद में वेलनेस सेंटर मील का पत्थर साबित होंगे : डा. समिधा

इन दिनों बुखार और मौसमी बीमारियों का जोर है और अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे सीजन में आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज भी कारगर साबित हो रहा है। इसमें सबसे बड़ा योगदान वेलनेस सेंटर दे रहे हैं। इलाज में तो मरीज आयुर्वेदिक दवाओं पर विश्वास कर रहे हैं वहीं विभाग भी इसे लेकर काफी गंभीर हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 11:00 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 06:32 AM (IST)
आयुर्वेद में वेलनेस सेंटर मील का पत्थर साबित होंगे : डा. समिधा
आयुर्वेद में वेलनेस सेंटर मील का पत्थर साबित होंगे : डा. समिधा

जागरण संवाददाता, अंबाला

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इन दिनों बुखार और मौसमी बीमारियों का जोर है और अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे सीजन में आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज भी कारगर साबित हो रहा है। इसमें सबसे बड़ा योगदान वेलनेस सेंटर दे रहे हैं। इलाज में तो मरीज आयुर्वेदिक दवाओं पर विश्वास कर रहे हैं, वहीं विभाग भी इसे लेकर काफी गंभीर हो गया है। मौजूदा सीजन में जिस तरह से मरीजों के लिए खतरा सबसे ज्यादा है, उसे देखते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डा. समिधा शर्मा से बात की गई। उन्होंने बताया कि कैसे आयुर्वेद में इलाज होता है और यह इलाज एलोपैथी से कमतर नहीं है। कुछ मामलों में तो घर में ही बुखार का इलाज कर सकते हैं। जबकि कुछ मामलों में आवश्यक जांच के बाद ही इलाज शुरू किया जाता है।

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सवाल : इन दिनों बुखार, एलर्जी जैसी बीमारियों से लोग ग्रस्त हैं, आयुर्वेद क्या इनका समाधान देता है?

जवाब : सर्दी, गर्मी, बरसात सहित हर ऋतु में बीमारियां अलग-अलग होती है। आयुर्वेद में इसके अनुसार ही इलाज किया जाता है। आयुर्वेद में इसका समाधान काफी असरकारक है। उदाहरण के तौर पर यदि बुखार है, तो रसोई में मिलने वाली सौंठ, तुलसी और गिलोये को उबालकर उसका काढ़ा पीयें। यह सामान्य बुखार की दवा के रूप में ही काम करता है और कुछ समय बाद बुखार उतर जाएगा। सवाल : एक्यूट कंडीशन में क्या आयुर्वेद में दवाएं कारगर हैं?

जवाब : मरीज की एक्यूट (गंभीर) कंडीशन में आयुर्वेद में दवाएं कारगर हैं, जो एलोपैथी के बराबर ही असर करती हैं। वेलनेस सेंटर हों या फिर सामान्य अस्पताल में आयुर्वेद की दवाएं लेने आने वाले मरीज, विश्वास बढ़ रहा है। खासकर गांवों में तो इस ओर लोग तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ कंडीशन हो सकती हैं, जिसमें एलोपैथी का सहारा लिया जाना चाहिए, लेकिन आयुर्वेद में अधिकतर बीमारियों का उपचार संभव है। सवाल : इन दिनों डेंगू का डर है, क्या एलोपैथी के मुकाबले आयुर्वेद इसका इलाज उसी तेजी से कर सकता है?

जवाब : डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों में आयुर्वेदिक उपचार संभव है। जिस तरह से एलोपैथी दवाएं मरीज को इलाज देती हैं, उसी तरह आयुर्वेद में भी दवाएं हैं, जो उसी तर्ज पर मरीज को आराम देती हैं। कुछ मरीजों की प्लेटलेट्स कम हैं, तो उसे आयुर्वेदिक दवाएं दी गई हैं, जिससे सुधार हुआ है। सवाल : प्रचार प्रसार के लिए विभाग क्या कर रहा है?

जवाब : आयुर्वेद की ओर लोग बढ़ें, इसके लिए जिला स्तर पर कैंप लगा रहे हैं, जिसमें बताया जा रहा है कैसे आयुर्वेद इलाज में सहायक साबित हो रहा है। इसके अलावा वेलनेस सेंटर भी मील का पत्थर साबित होंगे। सवाल : अक्सर माना जाता है कि आयुर्वेदिक दवाएं काफी महंगी होती हैं, क्या यह सही है?

जवाब : हर्बल आधार पर बनी दवाएं ज्यादा महंगी नहीं हैं, जबकि कुछ मामलों में यह हो सकती हैं। लेकिन अधिकतर बीमारियां तो हर्बल दवाओं के खाने से ही ठीक हो जाती हैं। इसके अलावा रसायन हैं, स्वर्ण भस्म आदि जैसी दवाएं भी हैं। सवाल : सीजन बीमारियों से बचने के लिए क्या किया जाए?

जवाब : जब भी ऋतु परिवर्तन होता है, तो आहार विहार बदलता है। ऋतु के आधार पर ही खानपान रखना चाहिए। यदि प्रकृति के विपरीत खाना खाएंगे तो परेशानियां होंगी।


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