वार हीरोज स्टेडियम : लंबी कूद के लिए पिट के स्थान में किया जाएगा बदलाव
- पहले सिथेटिक ट्रैक के नजदीक एक ही साइड में बनाई जा रही थी लंबी कूद के लिए जगह
- पहले सिथेटिक ट्रैक के नजदीक एक ही साइड में बनाई जा रही थी लंबी कूद के लिए जगह
- तकनीकी लिहाज से दोनों को अब आमने सामने बनाया जाएगा, जिससे हवा के रुख का असर होगा खत्म जागरण संवाददाता, अंबाला: अंबाला कैंट के वार हीरोज स्टेडियम में एथलेटिक्स इवेंट की व्यवस्थाओं में थोड़ा बदलाव किया जाएगा। तकनीकी टीम को इसके लिए दिशा निर्देश दिए हैं। खास है कि लंबी कूद के लिए जो व्यवस्था पहले थी, उसे बदला गया है। तकनीकी लिहाज से यह सही नहीं बनाया जा रहा था, जिसके बाद अब इस में बदलाव किए जा रहे हैं। इसका असर खिलाड़ियों की परफॉरमेंस पर सकारात्मक पड़ेगा। यह बताना भी जरूरी है कि एथलेटिक्स की आधी प्रतियोगिताएं कैंट तो कई शहर के सेक्टर दस स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में हुआ करेंगी। वार हीरोज स्टेडियम में इन दिनों फुटबॉल मैदान और एथलेटिक ट्रैक बनाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के लिहाज से ही यह दोनों निर्माण चल रहे हैं। फुटबॉल मैदान जहां पॉलीग्रास का है, वहीं एथलेटिक ट्रैक सिथेटिक टर्फ का है। इसी एथलेटिक ट्रैक के पास लंबी कूद के लिए दो पिट (जिस में रेत भरा होता है और खिलाड़ी जंप करता है) बनाए जाने हैं। यह दोनों पिट साथ-साथ ही बनाए जा रहे हैं। एथलेटिक टीम के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने ट्रैक देखने के लिए दौरा किया। इस दौरान पाया गया कि दोनों पिट एक साथ बन रहे हैं, जो तकनीकी रूप से गलत है। इस कारण से होगा बदलाव
लंबी कूद के लिए पिट यदि एक साथ ही बनाए जाते हैं तो खिलाड़ियों के लिए परेशानी पैदा हो सकती है। खिलाड़ी के विपरीत दिशा से बहने वाली हवा खिलाड़ियों की परफॉरमेंस पर असर डालेगी। इसी कारण से अब दोनों पिट आमने-सामने बनाए जाएंगे। हवा जिस भी दिशा से चलेगी, उसके विपरीत वाले पिट का इस्तेमाल कंपीटिशन के लिए किया जा सकेगा। क्रास विड का खिलाड़ियों की परफॉरमेंस पर असर नहीं पड़ेगा। लंबी कूद के लिए पिट अब आमने सामने बनाए जाएंगे। तकनीकी टीम ने इसी को लेकर सुझाव दिया था। सिथेटिक ट्रैक बनने के लिए कुछ प्रतियोगिताएं ग्रास के ग्राउंड पर होंगी, जिसके लिए राजीव गांधी खेल स्टेडियम में हैं।
- एन सत्यन, डीएसओ अंबाला