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डाक्टर से ठगी : मोबाइल नंबरों व खातों की केवाईसी से शातिरों की होगी पहचान

डाक्टर ओपी सिगला से 4.34 करोड़ की ठगी के मामले में एजेंट से पीड़ित की जहां कभी मुलाकात नहीं हुई जबकि मात्र मोबाइल नंबरों के सहारे ही पुलिस अपनी जांच बढ़ाने की तैयारी में है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 07:36 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 07:36 AM (IST)
डाक्टर से ठगी : मोबाइल नंबरों व खातों की केवाईसी से शातिरों की होगी पहचान
डाक्टर से ठगी : मोबाइल नंबरों व खातों की केवाईसी से शातिरों की होगी पहचान

जागरण संवाददाता, अंबाला

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अंबाला छावनी के डाक्टर ओपी सिगला से 4.34 करोड़ की ठगी के मामले में एजेंट से पीड़ित की जहां कभी मुलाकात नहीं हुई, जबकि मात्र मोबाइल नंबरों के सहारे ही पुलिस अपनी जांच बढ़ाने की तैयारी में है। यह जांच कितनी मददगार साबित होगी, कहा नहीं जा सकता, लेकिन पुलिस केवाईसी के सहारे ही अपनी जांच को आगे बढ़ाएगी। पीड़ित द्वारा जो जानकारी उपलब्ध करवाई गई है, वह काफी पेचीदा है। पुलिस के लिए भी यह जांच आगे आसान नहीं दिख रही है। हालांकि पुलिस का दावा है जो जानकारी उपलब्ध है, उसके आधार पर कोई न कोई सुराग अवश्य हाथ लगेगा।

उल्लेखनीय है कि पांच सालों से डाक्टर को झांसा देकर फोन पर ही इंश्योरेंस पालिसी का रुपया दूसरी जगह इनवेस्ट करने पर दोगुना प्राफिट होने का लालच दिया जा रहा था। डाक्टर ओपी सिगला भी इस शातिर की बातों में आ गए और दूसरी जगह पर इनवेस्ट कर दिया। इसी तरह बार-बार इसी लालच में आकर इनवेस्टमेंट करते रहे। इस दौरान इनवेस्टमेंट प्रीमियम के नाम पर काफी रुपया लिया गया। पॉलिसी कैश करवाने के बाद भी रकम बड़ी होने का हवाला देकर कई खातों में रुपये जमा करवाए गए। शुल्क और फाइल क्लीयर करने के नाम पर यह राशि ली गई, जबकि रुपये जमा न करवाने के नाम पर इनवेस्टमेंट शून्य होने का भी भय दिखाया गया। केवाईसी के सहारे शातिरों की पहचान

इस मामले में पीड़ित द्वारा जो भी मोबाइल नंबर अथवा खाता नंबर दिए गए हैं, उनकी जांच की तैयारी है। पुलिस अपनी जांच इन नंबरों व खातों की केवाईसी किन के नाम पर है, के आधार पर करेगी। इसी आधार पर जांच की दिशा तय होगी। खास है कि पीड़ित के पास मोबाइल नंबर, खाता नंबरों के अलावा कोई और ठोस जानकारी नहीं है। फिलहाल तो मोबाइल नंबर और खाता नंबरों की जांच की जाएगी। पीड़ित की ओर से इसकी लिस्ट सौंपी गई है। केवाईसी जांच के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकेगा।

- राजेंद्र, जांच अधिकारी


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