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लालच में आकर नहीं, अपने विवेक से करें मतदान

मतदान का दिन नजदीक आ रहा है और अब चुनाव प्रचार ने भी जोर पकड़ लिया है। प्रत्याशी तरह-तरह के वादे कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक वोट हासिल कर सकें। दूसरी ओर चुनाव आयोग भी सख्ती कर रहा है कि कहीं कोई प्रत्याशी किसी भी तरह का कोई प्रलोभन तो नहीं दे रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 08:18 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 08:18 AM (IST)
लालच में आकर नहीं, अपने विवेक से करें मतदान

जागरण संवाददाता अंबाला: मतदान का दिन नजदीक आ रहा है, और अब चुनाव प्रचार ने भी जोर पकड़ लिया है। प्रत्याशी तरह-तरह के वादे कर रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक वोट हासिल कर सकें। दूसरी ओर चुनाव आयोग भी सख्ती कर रहा है कि कहीं कोई प्रत्याशी किसी भी तरह का कोई प्रलोभन तो नहीं दे रहा है। अब यहीं पर मतदाता को तय करना है कि वह किसे अपना प्रतिनिधि मानता है। यह हर मतदाता का अपना अधिकार है कि वह किसी वोट देना चाहता है, लेकिन यह भी तय करना है कि क्षेत्र के लिए कौन सा प्रत्याशी सही मायनों में ठीक है। इसलिए सभी को सही प्रत्याशी चुनना चाहिए।

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चुनाव हर साल नहीं बल्कि पांच साल में एक बार आते हैं। यह वह मौका है जब मतदाता को अपने लिए ऐसा प्रतिनिधि चुनना है जो जनता के बीच रहकर काम करता हो। यदि एक बार चूक गए, तो फिर पांच साल के लिए इंतजार करना पड़ेगा। हर कसौटी पर कसकर ही अपना जनप्रतिनिधि चुनना चाहिए।

भोजराज शाक्य, प्रधान नवयुवक शाक्य सभा

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यदि संविधान ने वोट का अधिकार दिया है, तो यह हमारा भी कर्तव्य है कि हम सही प्रत्याशी चुने। अक्सर देखते हैं कि कई मतदाता बहकावे में आकर वोट डाल देते हैं और इसके बाद सरकार को कोसते हैं। इस स्थिति से बचना है तो अपने लिए मजबूत नेता चुनना होगा, जो सभी को साथ लेकर चले।

-सुखविदर सिंह, अंबाला छावनी

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विधानसभा चुनाव में यह मतदाता को तय करना है कि उसे कैसी सरकार और जनप्रतिनिधि चाहिए। यह हमारा विवेक है कि हम कैसा प्रतिनिधि चाहते हैं। हर किसी की राय प्रत्याशी को लेकर अलग हो सकती है। लेकिन यदि सभी के हितों का ध्यान रखना है, तो फिर ऐसे प्रत्याशी को वोट देनी चाहिए जो समाज व क्षेत्र का विकास कर सके।

हरेंद्र मलिक, अंबाला छावनी

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चुनावों में लंबे चौड़े वादे करने वाले कई नेता आते हैं, लेकिन हमें भी सोचना चाहिए कि प्रत्याशी जो वादे कर रहे हैं, वह पूरे होंगे भी या नहीं। हर पार्टी के घोषणापत्र का आकलन करने के बाद ही तय करे कि कौन सी सरकार या प्रत्याशी प्रदेश व क्षेत्र के लिए बेहतर है। उसे ही वोट देना चाहिए।

-अश्वनी दुसेजा, अंबाला छावनी


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