अंबाला में भारतीय सेना की अनूठी पहल, ...ताकि हर दिल में पैदा हो देशप्रेम का जोश और जज्बा
सेना ने हरियाणा के अंबाला में अनोखी पहल की है ताकि सुबह-सवेरे ही लोगों के दिल में देशप्रेम का जज्बा पैदा हो जाए। सेना प्रमुख चौराहोंं पर राष्ट्रीय नायकों के फोटो लगाएगी।
अंबाला, [दीपक बहल]। चीन और पाकिस्तान से तनातनी के बीच सेना युवा पीढ़ी और आमजन में देश सेवा का जज्बा पैदा कर रही है। सुबह-सवेरे ही आपको देश की महान हस्तियों के दर्शन हो जाएं, जिन्होंने देश की तकदीर और तस्वीर बदलने में खून-पसीना बहाया, तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार अवश्य होगा। अंबाला में इसकी अनूठी पहल सेना ने की है।
अंबाला में सेना ने नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए महान हस्तियों की तस्वीरें लगवाईं
अंबाला छावनी के माल रोड और एयरफोर्स स्टेशन रोड पर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, कल्पना चावला, रवींद्रनाथ टैगोर, सैम मानेकशॉ, केएम करिअप्पा जैसी विभूतियों के फोटो फ्रेम लगाए गए हैं। सभी पर लाइटें भी लगाई हैं, ताकि रात के समय भी ये प्रेरणास्रोत बनी रहें। इनमें उन शहीदों की तस्वीरें भी शामिल की गई हैं, जिन्होंने पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध में अहम रोल निभाया था।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दु्ल कलाम, फील्ड मार्शल करिअप्पा व मानेकशॉ सहित कई विभूतियों की फोटो लगाई
इन सड़कों पर लोग पहले से ही सुबह की सैर करने आते हैं, लेकिन सेना के इस कदम के बाद ज्यादा बच्चे और युवा आने लगे हैं। सुबह-सवेरे अभिभावक अपने बच्चों को इन विभूतियों के बारे में बताते हैं। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय बच्चों में देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए लिया गया है। वैसे तो बच्चे पाठ्यक्रमों में भी इन हस्तियों के बारे में पढ़ते रहते हैं, लेकिन सुबह की शुरुआत अच्छी हो और युवा सूर्य की पहली किरण से ही देश के बारे में सोचे, इसीलिए ये तस्वीरें लगाई गई हैं।
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'' शहीदों की कुर्बानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है, जबकि शहीदों के प्रति सेना का सम्मान और प्रेरणादायक पहल है। आसपास स्कूल हैं। सुबह व शाम के समय बड़ी संख्या में लोग इन सड़कों से आते-जाते हैं। युवा जहां सेना की ओर आकॢषत होगा, वहीं देश सेवा का जज्बा भी मिलेगा। निश्चित ही युवाओं को इससे प्रेरणा मिलेगी। देश के सभी कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्रों में ऐसी पहल होनी चाहिए।
- रिटायर्ड सूबेदार, अतर सिंह मुल्तानी, प्रधान एक्स सर्विसमैन वेलफेयर सोसाइटी, अंबाला।
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'' सेना की पहल स्वागत योग्य है। देश की रक्षा में शहीद हुए लोगों के प्रति सम्मान है, वहीं देश को उन्नति की राह पर ले जाने वालों को भी याद कर उनका सम्मान किया गया है। यह एक ऐसा कदम है, जो युवाओं को नई दिशा देगा। उनके लिए प्रेरणास्रोत बनेगा। युवाओं को देश के प्रति उनके कर्तव्य को याद दिलाएगा।
- परवेश गुप्ता, अंबाला।
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'' सेना द्वारा की गई यह पहल सराहनीय है। देश की महान विभूतियों के प्रति जहां यह सम्मान है, वहीं देश के युवाओं के लिए यह प्रेरणादायक है।
- अनुज गोयल, सीईओ कैंटोनमेंट बोर्ड, अंबाला।
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इन विभूतियों से नई पीढ़ी को मिलेगी प्रेरणा
- फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा ने भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया। 15 जनवरी 1949 में भारत के सेना प्रमुख बने।
- फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का जन्म 3 अप्रैल 1914 को अमृतसर में पारसी परिवार में हुआ था। वह देहरादून के इंडियन मिलिट्री अकादमी के पहले बैच (1932) के लिए चुने गए। उनके नेतृत्व में भारत ने 1971 में हुए युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हराया था।
- फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों का जन्म 17 जुलाई 1943 को लुधियाना के गांव रुरका में हुआ था। वायुसेना में फ्लाइंग आफिसर थे। 1971 के युद्ध में श्रीनगर एयरबेस को बचाने में शहीद हो गए थे। उन्हेंं मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
- शहीद राइफलमैन (आरएफएम) संजय कुमार, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्तरा, पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम, परमवीर चक्र विजेता सीएचएम पीरू सिंह, लांसनायक कर्मसिंह, शहीद मेजर शैतान सिंह और अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की तस्वीरें भी लगाई गई हैं।
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