एनडीसी के लिए लगे दरबार से 237 लोग निराश लौटे
नगर निगम में एनडीसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के लिए खुला दरबार लगाया गया। जिसमें दो गज की दूरी नहीं दिखी। कुल 252 लोगों में से 237 लोग निराश होकर लौटे जबकि 15 लोगों की फाइल जमा की गई। इस दौरान पार्षद विजय चौधरी ने हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि दरबार में भी लोगों को तारीख मिल रही हैं जबकि मौके पर ही समाधान होना चाहिए।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: नगर निगम में एनडीसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के लिए खुला दरबार लगाया गया। जिसमें दो गज की दूरी नहीं दिखी। कुल 252 लोगों में से 237 लोग निराश होकर लौटे, जबकि 15 लोगों की फाइल जमा की गई। इस दौरान पार्षद विजय चौधरी ने हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि दरबार में भी लोगों को तारीख मिल रही हैं, जबकि मौके पर ही समाधान होना चाहिए। खुले दरबार का कोई मतलब नहीं है। निराश होकर लौटे लोगों के मामले में अधिकारियों का तर्क था कि कुछ लोगों के दस्तावेज पूरे नहीं थे, कई लोगों की प्रापर्टी अवैध कालोनी में थी। इस वजह से एनडीसी जारी नहीं की सकी।
इस दौरान लोगों ने एनडीसी के लिए अधिकारियों पर पैसे लेने का आरोप भी लगाया। यह खुला दरबार मेयर शक्ति रानी की अध्यक्षता में लगा, लेकिन जनता दरबार में आयुक्त नजर नहीं आए। नगर निगम में वीरवार को मेयर शक्तिरानी शर्मा की अध्यक्षता में एनडीसी को लेकर खुला दरबार लगा। इसमें सुबह से लोग एनडीसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र), एनओसी आदि की समस्याओं को लेकर पहुंचे। मौके पर मेयर और डीएमसी अमन ढांडा ने एनडसी संबंधी समस्याओं को सुना। इस दौरान लोगों की फाइलों को देखने के बाद नई तिथि मिल रही थी
दरबार में पहुंचे कुलदीप सिंह ने बताया कि उनका मकान शुक्लकुंड रोड पर बना है जो पुस्तैनी मकान है। हमारे परिवार में छह लोग हैं, लेकिन निगम ने मेरे ताया के नाम एनडीसी जारी की है। इस पर युवक ने हंगामा भी किया। वहीं शिवपुरी निवासी विश्वा पहुंचे। उन्होंने बताया कि शिवपुरी में 160 गज का प्लाट हैं। इसकी एनडीसी के लिए आवेदन किया तो वैध कालोनी दिखा रहा था। अब अवैध कालोनी दर्शा रहा है। इस वजह से एनडीसी के लिए चक्कर लगा रहा हूं। इस मौके पर ईओ जरनैल सिंह, एक्सईएन सुखबिदर, एमई विपिन , सहायक कर अधीक्षक बलवीर सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। -------
डेयरी के प्लाट की बिक्री को एनओसी नहीं मिलेगी
मेयर के दरबार में कवल जीत डेयरी के प्लाट की बिक्री करने के लिए एनओसी के लिए पहुंचा था। मौके पर अधिकारियों ने डेयरी के प्लाट की बिक्री के लिए एनओसी जारी नहीं होगी। इस पर कवल जीत का कहना था कि पांच वर्ष बाद डेयरी की जमीन की रजिस्ट्री डेयरी संचाल को की जा सकती है। ---
निगम अधिकारी मीठी गोली देकर भेज देते हैं
मेयर के जनता दरबार में जंडली से एक व्यक्ति पहुंचा। उसका कहना था कि जंडली में 1998 में दुकान बनी है। मुझे अपनी दुकान की बिक्री करनी है, लेकिन निगम से एनओसी नहीं मिल रही है। इस पर अधिकारियों ने बताया कि आवासीय कालोनी में कार्मिशयल की गतिविधयों के लिए एनओसी नहीं मिलेगी।इस पर युवक ने शहर में सभी आवासीय कालोनी में दुकानें बनी हैं। नगर निगम वाले एनओसी के नाम पर केवल मीठी गोली देकर भेज देते हैं।
--------- शालीमार कालोनी में दुकान के लिए एनडीसी के लिए आवेदन किया था। वहीं पौती की शादी के लिए दुकान की बिक्री की जानी थी। वहीं एनडीसी के लिए आवेदन करने पर 15 हजार रुपये विकास शुल्क दिखा रहा है।
जगदीश लाल
------- मनमोहन नगर में 210 गज के प्लाट के लिए एनडीसी करानी थी। इसमें एक सप्ताह पहले आनलाइन आवेदन किया। यहां पर खसरा नंबर 201, 202 और 203 हैं। इसमें खसरा नंबर 201 वैध दिखा रहा है, और शेष पोर्टल पर नहीं हैं।
संजीव गुलाठी, ---------------
जलबेडा रोड की डीडब्लूएस कालोनी में मकान की एनडीसी करानी थी। इसके लिए निगम में पांच वर्ष से भटक रहा हूं, लेकिन अभी तक एनडीसी नहीं हो सकी।
रंजीत सिंह