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खेल विभाग : जिमनास्टिक के विदेशी उपकरणों के लिए दो फर्मे सामने आई

जागरण संवाददाता, अंबाला : अंबाला छावनी वार हीरोज स्टेडियम के जिमनास्टिक खिलाड़ियों के लिए विदेशी उ

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 09:15 AM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 09:15 AM (IST)
खेल विभाग : जिमनास्टिक के विदेशी उपकरणों के लिए दो फर्मे सामने आई
खेल विभाग : जिमनास्टिक के विदेशी उपकरणों के लिए दो फर्मे सामने आई

जागरण संवाददाता, अंबाला : अंबाला छावनी वार हीरोज स्टेडियम के जिमनास्टिक खिलाड़ियों के लिए विदेशी उपकरण करीब डेढ़ दशक के बाद मिलने वाले हैं। आचार संहिता के चलते अभी प्रक्रिया पर ब्रेक है, लेकिन बताया जा रहा है कि दो फर्मे सामने आई हैं। हाई पावर परचेज कमेटी यह टेंडर किसे अलाट करती है यह चुनाव आचार संहिता हटने के बाद साफ हो जाएगा। इसके बाद यह उपकरण खेल विभाग को सप्लाई किए जाएंगे। इससे पहले नीदरलैंड्स से जिमनास्टिक के उपकरण मंगवाए गए थे। उल्लेखनीय है कि अंबाला छावनी स्टेडियम में जिमनास्टिक सीखने के लिए करीब 150 खिलाड़ी आते हैं।

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यह है मामला

करीब डेढ़ दशक पहले नीदरलैंड्स से जिमनास्टिक उपकरण मंगवाए गए थे। यह उपकरण खिलाड़ियों के लिए काफी फायदेमंद रहे। हालांकि बाढ़ के कारण यह जिमनास्टिक उपकरण भीग भी गए। इसके बाद इन्हीं उपकरणों पर जिमनास्टिक के खिलाड़ी प्रेक्टिस करते रहे हैं, जबकि इन्हीं पर प्रतियोगिताएं भी होती रही हैं। अब खेल विभाग करीब पचास लाख रुपये की लागत से विदेशी उपकरण मंगवाने की तैयारी में हैं। इसके लिए सरकार के जैम पोर्टल पर रजिस्टर्ड फर्मों से ही यह उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके लिए अभी दो फर्में सामने आई हैं, जिनमें से एक को फाइनल किया जाएगा। हालांकि अभी चुनाव आचार संहिता लगी है, जिसके कारण यह प्रक्रिया अभी होल्ड पर है। आचार संहिता खत्म होने के बाद इस प्रक्रिया को फाइनल कर दिया जाएगा।

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सवा करोड़ के रुपये के खरीदे जाएंगे उपकरण

अंबाला छावनी के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में 7.03 करोड़ के जिमनास्टिक हाल का तैयार किया गया है। यह पूरी तरह से वातानुकूलित है। इसी में करीब सवा करोड़ रुपये के विदेशी उपकरण जिमनास्टिक हाल में इंस्टाल किए जाएंगे। इन उपकरणों को सप्लाई करने के लिए दो फर्में सामने आई हैं। आचार संहिता खत्म होने के बाद हाई पावर परचेज कमेटी इसे अंतिम रूप देगी, जिसके बाद आगामी कार्रवाई होगी। माना जा रहा है कि यह उपकरण यूरोपियन देशों से ही खरीदे जाएंगे।


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