1.69 करोड़ की ठगी करने वाले दो आरोपित गिरफ्तार
जाली मोहरें व फर्जी फर्म बनाकर 1.69 करोड़ की ठगी करने के आरोपित गुरदयाल सिंह निवासी वशिष्ठ नगर व अश्वनी कुमार निवासी बहोट वाली मोहल्ला को गिरफ्तार कर लिया है। इस संबंध में पीड़ित दलजीत लाल निवासी आर्य नगर ने बीते दिनों प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को शिकायत दी थी।
जासं, अंबाला : जाली मोहरें व फर्जी फर्म बनाकर 1.69 करोड़ की ठगी करने के आरोपित गुरदयाल सिंह निवासी वशिष्ठ नगर व अश्वनी कुमार निवासी बहोट वाली मोहल्ला को गिरफ्तार कर लिया है। इस संबंध में पीड़ित दलजीत लाल निवासी आर्य नगर ने बीते दिनों प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को शिकायत दी थी। इसी पर कैंट थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी थी। आरोपितों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
दलजीत लाल ने 12 फरवरी 2021 को थाना अंबाला छावनी में शिकायत दर्ज करवाई थी कि जनवरी 2017 से जून 2020 के दौरान आरोपित अमित, राजन, सुनील, संजय, साहिल व गुरदयाल सिंह निवासी वशिष्ठ नगर तथा आरोपित महिला ने बनवारी लाल एंड संस फर्म के नाम पर जाली बिल, मोहरें आदि बनाकर 1.69 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता ने पहले भी कैंट थाना में आरोपितों पर मामले दर्ज करवा रखे हैं।
उधर, महेश नगर थाना में दर्ज धोखाधड़ी के एक अन्य मामले में पुलिस ने आरोपितों अजीत सिंह व गुरविद्र सिंह निवासी गांव नग्गल को गिरफ्तार किया है। आरोपितों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा। शिकायतकर्ता महिला ने बताया था कि आरोपितों ने उसके बेटे को नौकरी दिलाने के नाम पर 1.40 लाख रुपये की ठगी की है। बीमारी का बहाना बना लिए थे 70 हजार, मांगे तो चेक बाउंस
ंबाला शहर : चेक बाउंस के मामले में कोर्ट ने आरोपित बलदेव नगर निवासी मनजीत सिंह को भगौड़ा घोषित किया है। बलदेव नगर पुलिस ने हरजिद्र सिंह की तरफ से शिकायत मिलने पर आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में हरजिद्र सिंह ने बताया कि आरोपित मनजीत सिंह उसके भाई दिलबर सिंह को जानता था। एक दिन आरोपित ने भाई को परिवार में किसी की बीमारी का बहाना लगाकर पैसे की जरूरत के बारे में बताया। बातों पर विश्वास करने पर दिलबर सिंह आरोपित को भाई हरजिद्र के पास लेकर आया और उसकी समस्या बताई। इस पर हरजिद्र सिंह ने उसे 70 हजार रुपये देने पर राजी हो गए।
हरजिद्र सिंह के मुताबिक आरोपित की बातों पर विश्वास करने के बाद उसने उसे पैसे वापस कब देने के बारे में पूछा तो आरोपित ने कहा वह तीन माह के भीतर 70 हजार रुपये की रकम को लौटा देगा। इस पर हरजिद्र सिंह ने उससे साइन किया हुआ एक चेक ले लिया ताकि वह आरोपित की बताई तारीख को चेक लगा देगा। तीन माह बाद जब हरजिद्र ने आरोपित की बताई तारीख को चेक लगाया तो वह बाउंस हो गया। इसके बाद उसने आरोपित को फोन कर चेक बाउंस के बारे में बताया तो वह टाल-मटोल करने लगा। इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट में जाकर आरोपित के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया।