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हड़ताल की कमर तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस पर रखे 18 अस्थाई चालक

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) के तहत विभिन्न कार्यक्रमों में कार्यरत कर्मियों की हड़ताल से बेपटरी हुई आपात सेवाओं को सुचारू करने के मकसद से आउटसोर्सिंग के तहत 1

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 05:48 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 12:14 AM (IST)
हड़ताल की कमर तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस पर रखे 18 अस्थाई चालक
हड़ताल की कमर तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस पर रखे 18 अस्थाई चालक

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर :

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) के तहत विभिन्न कार्यक्रमों में कार्यरत कर्मियों की हड़ताल से बेपटरी हुई आपात सेवाओं को सुचारू करने के मकसद से आउटसोर्सिंग के तहत 18 एंबुलेंस चालकों का ज्वाइन करा दिया। इन कर्मियों ने रविवार को एंबुलेंस का स्टीय¨रग भी थाम लिया। वहीं, अब तक ठप पड़ी रेफरल ट्रांसपोर्ट की वजह से सीधा दबाव बना रहे हड़ताली कर्मचारियों के लिए यह कदम न केवल बड़ा झटका बल्कि हड़ताल की कमर तोड़ने वाला समझा जा रहा है। इन हड़ताली कर्मियों को एनएचएम महानिदेशक के निर्देशों से पहले ही टर्मिनेट लेटर थमाए जा चुके हैं। इसके बावजूद कर्मचारियों की हड़ताल 13वें दिन में भी जारी है। इस मौके एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला प्रधान तरणदीप ने कहा कि अप्रशिक्षित लोगों के हाथ में स्टीय¨रग थमाए जा रहे हैं जिनसे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना पेश आ सकती है। रविवार को एनएचएम कर्मचारी संघ की ममता, मोनिका, राजकुमारी, सरबजीत, कमलजीत, अमनदीप,अनीता खन्ना व ह¨रदर, विनोद, रमेश, विजय घई, विजय शर्मा पर रहे।

जिला प्रधान तरनदीप ने हड़ताल को लेकर सरकार के रूख पर बोलते कहा कि सरकार एनएचएम कर्मियों की एकमात्र मांग सेवा सुरक्षा पर कोई विचार नहीं कर रही। अधिकारियों द्वारा सरकार को सही जानकारी नहीं दी जा रही व गुमराह किया जा रहा है। वास्तव में सेवा सुरक्षा कोई ऐसी मांग नहीं है जो सरकार पूरी नहीं कर सकती, क्योंकि इससे कोई अधिक वित्तीय भार सरकारी खजाने पर पड़ने वाला नहीं है। प्रतिवर्ष 31 मार्च को ठेका खत्म होता है, 1 अप्रैल को काम तो करवा लिया जाता है, परंतु न तो वेतन दिया जाता है, न हाजिरी लगाई जाती है, 2 अप्रैल को ठेका नवीनीकरण किया जाता है। ऐसे में यह नवीनीकरण ना हो गया बल्कि कर्मचारी वर्ग के गले पर अंगूठा हो गया। अधिकारी वर्ग, रेगुलर स्टाफ पूरा वर्ष कार्य भी एनएचएम कर्मचारियों से करवाते हैं व धमका कर भी रखते हैं कि कुछ बोले तो 31 मार्च को देख लेंगे। जिला सेक्रेटरी ह¨रदर ¨सह ने बताया कि रात्रि की ड्यूटियां एनएचएम स्टाफ नर्स कर रही हैं। सभी प्रकार की वीआईपी ड्यूटी जैसे सीएम कार्यक्रम, पीएम कार्यक्रम, गवर्नर कार्यक्रम भी एनएचएम के स्टाफ द्वारा ही की जाती है। इसके बावजूद कर्मियों की सेवा की कोई सुरक्षा नहीं है। रेफरल ट्रांसपोर्ट की नोडल अधिकारी डॉ.बल¨वद्र कौर ने बताया कि 18 चालकों को आउटसोर्सिंग के तहत रखा गया है ताकि आपात सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहे।


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