अंबाला में डेंगू के तीन नए मरीज हुए भर्ती
नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में बने डेंगू वार्ड में डेंगू के लक्षण होने पर तीन नये मरीज भर्ती किए गए हैं। इन मरीजों को उल्टी चक्कर शरीर में जकड़न आदि की परेशानी थी। स्वजन अस्पताल लेकर पहुंचे।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में बने डेंगू वार्ड में डेंगू के लक्षण होने पर तीन नये मरीज भर्ती किए गए हैं। इन मरीजों को उल्टी, चक्कर, शरीर में जकड़न आदि की परेशानी थी। स्वजन अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पर डयूटी स्टाफ ने भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया, जिसके बाद दोपहर तक मरीजों की हालत में सुधार पाया गया। रोजाना आ रहे डेंगू मरीजों का आंकड़ा 19 हो गया है। इनमें से चार को छुट्टी देने के बाद अब 15 मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वहीं अस्पताल में मरीज की बढ़ती संख्या के बीच स्टाफ की संख्या में भारी कमी है जिसके कारण ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। बुधवार को ओपीडी में डाक्टर का इंतजार कर रहे मरीजों ने बताया कि वह सुबह से इंतजार कर रहे हैं। डाक्टर अक्सर 12:00 बजे के बाद ही बैठते हैं। कारण पूछे जाने पर बताया कि वह पहले वार्डो में राउंड पर होते हैं और वहां से निपटकर ओपीडी के मरीजों को देखते हैं।
------------------ एंबुलेंस चालकों और अस्पताल कर्मियों ने लिया आग बुझाने का प्रशिक्षण जागरण संवाददाता, अंबाला : एंबुलेंस चलाते वक्त या अस्पताल के किसी हिस्से में आग लग जाए तो इस पर कैसे काबू पाया जाए इसके लिए बुधवार को शहर के सिविल अस्पताल में एंबुलेंस चालकों और अस्पताल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान आग के प्रकार और अग्निशमन यंत्र में प्रयोग किए जाने वाले रसायन की भी जानकारी दी गई।
अंबाला के नागरिक अस्पताल के आपातकालीन विभाग के पास ही मैदान में सूखी झाड़ियों में आग लगाकर इसे अग्निशमन यंत्र का इस्तेमाल कर बुझाने का प्रशिक्षण और अभ्यास एंबुलेंस चालकों और अस्पताल के स्टाफ को दिया गया। इस दौरान प्रशिक्षक ओमकार ने बताया कि आग को मुख्य रूप से चार श्रेणियों में रखा गया है। लकड़ी की आग को (ए), केमिकल की आग को (बी), गैस से लगने वाली आग को (सी) और मेटल में लगने वाली आग को (डी) श्रेणी में रखा जाता है। अग्नि के शमन के लिए जिस यंत्र का प्रयोग किया जाता है उसमें ड्राई केमिकल पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान अग्निशमन प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के उपायों पर जानकारी देते हुए फायरमैन ओमकार ने इसके लिए पिन को सावधानी के साथ यंत्र से निकालने और उसके बाद कम से कम तीन से चार फीट की दूरी पर रहकर स्प्रे करने को कहा। प्रशिक्षण में कुल 15 कर्मियों ने भाग लिया। इस दौरान राकेश, दिलबाग सिंह, गुरमीत सिंह आदि मौजूद रहे।