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ट्रेनों में चोरी की वारदातों ने तोड़ा रिकॉर्ड, पांच सालों में 1500 यात्रियों का सामान चोरी

ट्रेनों में बढ़ रही चोरी के मामलों ने यात्रियों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अगर पुलिस के ही आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले करीब पांच सालों में अंबाला जीआरपी थाने में ही करीब 1500 मामले चोरी के मामले दर्ज किए गए है। हालांकि इनमें अधिकतर मामले दूसरे जिलों या बाहरी राज्यों से आई जीरो एफआइआर के आधार पर ही दर्ज हुए है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 07:40 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 07:40 AM (IST)
ट्रेनों में चोरी की वारदातों ने तोड़ा रिकॉर्ड, पांच सालों में 1500 यात्रियों का सामान चोरी
ट्रेनों में चोरी की वारदातों ने तोड़ा रिकॉर्ड, पांच सालों में 1500 यात्रियों का सामान चोरी

हरीश कोचर, अंबाला

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ट्रेनों में बढ़ रही चोरी के मामलों ने यात्रियों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अगर पुलिस के ही आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले करीब पांच सालों में अंबाला जीआरपी थाने में ही करीब 1500 मामले चोरी के मामले दर्ज किए गए है। हालांकि इनमें अधिकतर मामले दूसरे जिलों या बाहरी राज्यों से आई जीरो एफआइआर के आधार पर ही दर्ज हुए है। जबकि ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने ट्रेनों में जीआरपी और आरपीएफ जवानों की गश्त भी लगाई हुई है, इसके बावजूद चोरी की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी कड़ी में अब फिर से अंबाला जीआरपी थाने में चोरी का एक अन्य मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के आंकड़े गवाह

अगर पुलिस के ही आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पिछले पांच सालों में 2015 से अभी तक करीब साढ़े 1900 मामले दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2015 में पुलिस ने कुल 439, वर्ष 2016 में 434, वर्ष 2017 में 479, वर्ष 2018 में 396 और वर्ष 2019 में अभी तक 99 मामले दर्ज किए जा चुके है। लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि इनमें अधिकतर दर्ज किए गए मामले चोरी के है। अन्य मामले एनडीपीएस, हत्या, मारपीट, लोगों की शांति भंग करने व हुड़दंग मचाने और एक्साइज एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं।

हाल ही में सुलझाया एनआरआइ से चोरी का मामला

वहीं आंकड़े गवाह है कि इन मामलों में से पुलिस 10 प्रतिशत मामलों को भी नहीं सुलझा पाई है। इसी कड़ी में करीब एक महीने पूर्व ही अंबाला में एक एनआरआइ महिला का शताब्दी एक्सप्रेस में सामान चोरी हुआ था जिसमें लाखों की ज्वेलरी के अलावा विदेशी नकदी और अन्य कीमती सामान था। इस मामले ने जीआरपी की खूब किरकिरी कराई जिसके बाद एसपी ने मामले की जांच का जिम्मा सीआइए को सौंपा। कुछ दिनों बाद ही रेलवे सीआइए ने चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से एक युवक को इस मामले में गिरफ्तार किया था।

पिछले साल एक मामले ने घुमाई चक्करघिन्नी

वहीं पिछले साल एक आइपीएस परिवार से जुड़े कुछ रिश्तेदार राजस्थान से जम्मू में एक शादी समारोह में हिस्सा लेने के लिए जा रहे थे। इसी दौरान अंबाला रेलवे स्टेशन के नजदीक ही एसपी कोच में सवार महिला का पर्स चोरी हो गया था। पर्स में करीब पांच लाख रुपये की ज्वेलरी, साढ़े तीन लाख रुपये नकदी, मोबाइल समेत अन्य दस्तावेज भी थे। महिला ने इस बारे में जीआरपी को शिकायत दी तो उन्होंने पहले केवल ढाई से तीन लाख ज्वेलरी चोरी का मामला दर्ज किया था। लेकिन बाद में उसी मामले में पुलिस ने शिकायत के मुताबिक साढ़े 8 लाख की चोरी दर्शाई थी। मामला आइपीएस अधिकारी के परिवार से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने मामले में काफी प्रयास किए लेकिन आज तक वह मामला अनसुलझा है।

जब डीआइजी की पत्नी के गहने हो गए थे चोरी

इसी तरह से 4 नवंबर 2016 को शालीमार एक्सप्रेस में जम्मू से सहारनपुर जा रही एसएसबी के डीआइजी मानवेंद्र सिंह नेगी की पत्नी किरण नेगी के बैग से लाखों रुपये की नकदी व ज्वेलरी चोरी हो गई थी। सहारनपुर में दी गई शिकायत के बाद वहां जीरो एफआइआर दर्ज कर अंबाला भेजी गई थी। इस मामले में ट्रेन के ही टीटीई और अटेंडेंट पर चोरी का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में डीआइजी की पत्नी के भाई सूरज ने पुलिस को बताया था कि जब ट्रेन तड़के में अंबाला पहुंची थी तो टीटीई प्रभाकर कुमार और अटेंडेंट राम प्रकाश उनकी बहन का पर्स लेकर उनके पास आए थे। उनका कहना था कि यह पर्स उन्हें शौचालय में मिला है। लेकिन पर्स के अंदर से हीरो से बना मंगलसूत्र, हीरे जड़ित कॉन के टॉप्स, सोने की बालियां, सोने का मंगलसूत्र व करीब 2.90 हजार रुपये की ज्वेलरी गायब थी।

सेना के कर्नल की पत्नी का ज्वेलरी वाला पर्स चोरी

वहीं इसी कड़ी में अब चोरों ने सोमवार की देर रात को सेना में बतौर कर्नल डीके शर्मा की पत्नी दीक्षा शर्मा का जम्मू से आते समय लुधियाना के पास चोरी कर लिया। वह अपनी बेटी के साथ जम्मू से हरिद्वार वापस अपने घर जाने के लिए साप्ताहिक ट्रेन नंबर 14609 एक्सप्रेस के एस-2 कोच में सफर कर रही थी। जब ट्रेन अंबाला पहुंची तो उन्होंने इस बारे में जीआरपी को लिखित शिकायत दी। जीआरपी ने शिकायत के आधार पर जीरो एफआइआर दर्ज कर लुधियाना जीआरपी थाने में भेज दी। पर्स में करीब 5 से 7 हजार रुपये की नकदी, सोने की अंगूठी, मंगलसूत्र सोने की चूड़ियां, झुमके व अन्य जरूरी दस्तावेज थे।


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