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अंबाला में पोस्ट कोविड मरीजों ब्रेन फाग की समस्या बढ़ी

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में वायरस से जंग जीतने वाले 50 फीसद लोगों को तरह-तरह की समस्याएं जकड़ने लगी हैं। नींद न आना सिर दर्द से लेकर हमेशा नकारात्मक विचार बने रहने की दिक्कत आम होती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 07:00 AM (IST)
अंबाला में पोस्ट कोविड मरीजों ब्रेन फाग की समस्या बढ़ी
अंबाला में पोस्ट कोविड मरीजों ब्रेन फाग की समस्या बढ़ी

जागरण संवाददाता, अंबाला : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में वायरस से जंग जीतने वाले 50 फीसद लोगों को तरह-तरह की समस्याएं जकड़ने लगी हैं। नींद न आना, सिर दर्द से लेकर हमेशा नकारात्मक विचार बने रहने की दिक्कत आम होती जा रही है। चिकित्सक के सुझाव पर नियमित दवा के सेवन से करीब 15 फीसद लोगों में दस दिन में सुधार होने लगा। बाकी के 35 फीसद लोगों में डाक्टर ब्रेन फाग की समस्या बता रहे हैं। इस तरह के मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों के परामर्श पर दवा शुरू करने में देर नहीं करनी चाहिए।

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शरीर में इम्यूनिटी क्षमता की वजह से भले ही कोरोना संक्रमण को मात दे दिया हो, लेकिन वायरस के कारण शरीर में बने साइटोकाइन स्टार्म ने तंत्रिका तंत्र पर घातक असर छोड़ा है। कोरोना से उबरने वाले 35 फीसद मरीजों में ब्रेन फाग जैसी दिमागी बीमारियां मिल रही हैं। याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता भी कम होने लगी है। नए न्यूरोलोजिकल डिसआर्डर पनपने की का खतरा उत्पन्न हो चुका है। वायरल लोड ज्यादा तो असर भी घातक :

मेडिकल कालेज से लेकर सरकारी और निजी अस्पतालों में करीब 15 हजार से अधिक पाजिटिव का इलाज हुआ। मुलाना मेडिकल कालेज से लेकर शहर और छावनी में बनाए गए उमंग सेंटर पर पोस्ट कोविड मरीज पहुंचने लगे हैं। इन मरीजों में दिमागी बीमारियों के अलावा मेमोरी लास, चिड़चिड़ापन, निर्णय लेने में कमी और गफलत ज्यादा मिली। ऐसे मरीजों में भी ब्रेन फाग ज्यादा मिला, जिनके शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ तेजी से एंटीबाडी बनी।

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क्या करें पोस्ट कोविड मरीज छह-आठ घंटे की नींद लें। इससे तंत्रिका तंत्र की मरम्मत होती है।

शराब व अन्य नशा से बचें।

नियमित योगाभ्यास करें, इससे दिमागी क्षमता बढ़ती है।

अंकुरित अनाज, फल, व हरी सब्जियां खाएं। वसायुक्त व मसालेदार चीजों से बचें।

सामाजिक कार्यों में भागीदारी रखें। आपसी संवाद बढ़ाएं।

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वर्जन साइटोकाइन स्टार्म से न सिर्फ फेफड़े, हार्ट, किडनी व अन्य अंगों पर घातक असर पड़ा, बल्कि तंत्रिका तंत्र भी कमजोर हो गई। पोस्ट कोविड मरीजों में एंजाइटी, डिप्रेशन, अरुचि, पैनिक डिसआर्डर व आत्मविश्वास की भारी कमी है।

डा. कुलदीप सिंह, मनोरोग चिकित्सक नागरिक अस्पताल छावनी।


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