निर्माणाधीन भवन गिराने का मामला पकड़ा तूल, परेड के लोगों ने धरना देकर जताया रोष
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के तोपखाना परेड निवासी जगन्नाथ के परिवार का निर्माणाधीन मकान गिराने का मामला तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को पीड़ित परिवार के साथ जनता ने पहले धरना दिया। बाद में जुलूस निकालकर जमीन का मालिकाना हक मांगा।
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के तोपखाना परेड निवासी जगन्नाथ के परिवार का निर्माणाधीन मकान गिराने का मामला तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को पीड़ित परिवार के साथ जनता ने पहले धरना दिया। बाद में जुलूस निकालकर जमीन का मालिकाना हक मांगा। लोगों ने कहा कि मालिकाना हक की लड़ाई के लिए उनका अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। सरकार ने यदि मालिकाना हक नहीं दिया तो वोट से बहिष्कार कर दिया जाएगा।
परिवार का कहना है कि वह इस जमीन पर 170 साल से रह रहे हैं और कैंटोनमेंट बोर्ड जमीन का मालिक नहीं है। इसीलिए बोर्ड बिना मालिक के ही उन पर हुकुम चलाया जा रहा है। लोगों ने कहा कि आजाद देश में परेड निवासी दुखी हैं। उन्होंने कहा कि कम से कम अंग्रेजों ने उन्हें बसाने का काम तो किया है लेकिन आजाद देश में उन्हें उजाड़ने का काम हो रहा है। पीढ़ी दर पीढ़ी उनका जीवन फल-फूल और सब्जियों को उगाने में बीत गया है जो यहां के लोगों की आमदनी का मुख्य जरिया है। इसी से उनका परिवार चल रहा है। सालों की उनकी आबादी तो बढ़ गई है लेकिन मकान बनाने की अनुमति बोर्ड नहीं देता। इसीलिए जनता अपने हक की लड़ाई अब सड़क पर लड़ेगी।
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1843 में बसे थे लोग
परेड को 1843 में बसाया गया था और अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष एवं सांसद रहे सूरजभान ने 2006 में जमीन का मालिकाना हक दिलाने की कार्रवाई शुरू की थी। अब यह हक दिलाने का प्रयास स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की ओर से किया गया है और मुख्यमंत्री के समक्ष उनकी आवाज को उठाया गया है लेकिन बोर्ड के अधिकारी फिर भी उन पर तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। बोर्ड अधिकारी उन पर अत्याचार कर रहे हैं।