गाय आने से लगाई ब्रेक और डिब्बे में टायर बिखरने से बेपटरी हुई थी मालगाड़ी
मालगाड़ी अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन में प्रवेश कर रही थी। गाय आगे आ गई तो लोको पायलट ने ब्रेक लगा दी। इस कारण डिब्बे में लोड टायर बिखर गए और ट्रेन बेपटरी हो गई। मतलब चेन्नई में कमर्शियल विभाग ने टायरों को लोड करते हुए सावधानी नहीं बरती। यह निष्कर्ष हम नहीं बल्कि हादसे के बाद ज्वाइंट नोट बनाने वाले छह सुपरवाइजरों का है।
दीपक बहल, अंबाला
मालगाड़ी अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन में प्रवेश कर रही थी। गाय आगे आ गई तो लोको पायलट ने ब्रेक लगा दी। इस कारण डिब्बे में लोड टायर बिखर गए और ट्रेन बेपटरी हो गई। मतलब चेन्नई में कमर्शियल विभाग ने टायरों को लोड करते हुए सावधानी नहीं बरती। यह निष्कर्ष हम नहीं बल्कि हादसे के बाद ज्वाइंट नोट बनाने वाले छह सुपरवाइजरों का है। हालांकि मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) जीएम सिंह इस निष्कर्ष से संतुष्ट नहीं हैं। उनके गले यह बात नीचे नहीं उतर रही कि टायरों के बिखरने से डिब्बा पटरी से उतर सकता है। ऐसे में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें सीनियर डीसीएम विवेक शर्मा, सीनियर डीएमई, सीनियर डीएसओ और सीनियर डीईएन शामिल हैं। बुधवार को कमेटी जांच शुरू करने लगी है। यदि सीनियर अधिकारियों की जांच में हादसे का कारण कुछ और पाया गया तो ज्वाइंट नोट पर हस्ताक्षर करने वाले सुपरवाइजर भी नपेंगे। कमेटी सात दिनों में अपनी रिपोर्ट डीआरएम को दे देगी।
इन अधिकारियों ने किया हस्ताक्षर
ज्वाइंट नोट में सीनियर सेक्शन इंजीनियर एएन त्रिपाठी, एसएस दिनेश कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर सिगनल एंड टेलीकाम सुभाष शर्मा, सीटीआई धर्मपाल, सी एंड डब्ल्यू विपिन भंडारी और सीएमाई संजीव सूद के हस्ताक्षर हैं। इन में से सीएमआई व एसए ने अपना डीसेंट नोट भी लगाया है।
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इस तरह हुआ हादसा
बता दें कि 21 नवंबर को अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर टायरों से लोड मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतर गया था। एनएमजी रैक का कोच नंबर एसडब्ल्यूआर 95213 के पिछले चार पहिये पटरी से उतरे थे, जिनको चढ़ाने के लिए करीब पौने चार घंटे का समय लगा था। अपर रेल मंडल प्रबंधक मौके पर पहुंच गए थे और सुपरवाइजर जाइंट नोट बनाने में जुट गए। चालक सुरेश कुमार और गार्ड जय प्रकाश के भी बयान दर्ज किए गए थे। इस हादसे के कारण कई रेलगाड़ियां भी प्रभावित हो गईं थीं। जिस समय हादसा हुआ, उस समय मालगाड़ी खाली बताई जा रही थी, जबकि बाद में पता चला कि चेन्नई से अंबाला के लिए इसमें टायर लोड किए गए थे।
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इसे कहते हैं एनएमजी रैक
न्यू माडिफाइड गुड्स (एनएमजी) रैक कहा जाता है। इस में ट्रैक्टर, कार या फिर कोई भी चौपहिया वाहन आसानी से लोड किया जा सकता है। इस डिब्बे में लगे पंखें, सीटें, लाइट सब कुछ उतार लिया जाता है ताकि इस में आसानी से सामान को लोड किया जा सके।