कालेज से शुरू हुई मारपीट गैंगवार में बदली, एमआर-बीआर ग्रुप की गुटबाजी में कई ने जान गंवाई
बरवाला कालेज में दो गुटों के बीच शुरू हुई छोटी सी मारपीट अब गैंगवार में बदलकर कई राज्यों में पहुंच गई है। यह गैंगवार अब एमआर ग्रुप के मोनू राणा और बीआर ग्रुप लीडर भूप्पी राणा के बीच नाक की लड़ाई का सवाल बन गई है। गैंगवार में कई सदस्य अपनी जान गंवा चुके हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : बरवाला कालेज में दो गुटों के बीच शुरू हुई छोटी सी मारपीट अब गैंगवार में बदलकर कई राज्यों में पहुंच गई है। यह गैंगवार अब एमआर ग्रुप के मोनू राणा और बीआर ग्रुप लीडर भूप्पी राणा के बीच नाक की लड़ाई का सवाल बन गई है। गैंगवार में कई सदस्य अपनी जान गंवा चुके हैं। एमआर ग्रुप के सरगना मोनू राणा ने यमुनानगर जेल से आते ही बराड़ा से एक युवक को किडनैप करके उसे गोलियों से भून दिया और उसके शव को पंजाब में डेराबस्सी में झाड़ियों के बीच फेंक दिया था। वीरवार को मोहित राणा की हत्या के बाद एमआर ग्रुप का नाम सामने आया है। हालांकि, पुलिस अभी जांच कर रही है कि हत्याकांड में कौन कौन शामिल हैं। इस तरह शुरू हुई थी खूनी गैंगवार
वर्ष 2014 में बरवाला में एमआर और बीआर दोनों गुटों में एक बार फिर से खूनी संघर्ष हुआ था। बरवाला से गाड़ियों में एक-दूसरे का पीछा करते हुए घटना बराड़ा तक पहुंच गई थी। यहां पुलिस पर भी गोलियां चलीं। 30 अक्टूबर 2015 को पुलिस ने मोस्ट वांटेड शमशेर सिंह उर्फ मोनू राणा निवासी थंबड़ समेत 7 हार्डकोर अपराधियों को पंचकूला पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा एमआर ग्रुप के नीरज उर्फ रैंबो निवासी रोहटी कुरुक्षेत्र, अमित मलिक उर्फ सागर निवासी गांव मखमलपुर जिला शामली उत्तर प्रदेश, पंकज निवासी गांव मखमलपुर शामली उत्तर प्रदेश, अजय सिंह निवासी गांव तेवर, खरड़, मोहाली, बलजिद्र सिंह निवासी गांव तेवर, खरड़ मोहाली, सौरव निवासी डीएसओ माजरा को भी गिरफ्तार किया था। जेल में मारपीट का बदला कोर्ट में लिया
पंचकूला कोर्ट के आदेशों पर मोनू राणा और बीआर गुट के सदस्यों को अंबाला सेंट्रल जेल में बंद किया गया। यहां मोनू राणा व उसके साथियों ने बीआर ग्रुप के कई सदस्यों पर जेल में ही जानलेवा हमला किया। इसके बाद जब पुलिस मोनू राणा व उसके एक अन्य साथी को यमुनानगर में दर्ज केस में उसे कोर्ट लेकर गई तो जनवरी 2017 में बीआर गुट ने उसका बदला कोर्ट में ही लिया। खुद भूप्पी राणा और उसके साथियों ने कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान मोनू राणा व उसके साथियों पर गोलियां चलाई थी। मोनू की टांग पर तो एक एसआइ को भी गोली लगी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद भूप्पी फरार हो गया था और उसका साथी शहजादपुर निवासी साहिल और बरवाला निवासी गौरव पकड़े गए। गौरव उर्फ रोड़ा नवंबर 2016 में ही भूप्पी गैंग से जुड़ा था और उसने बरवाला के भरे बाजार में सरेआम बतौड़ गांव के एक कालेज विद्यार्थी को गोली मारी थी। कोर्ट में गोली का बदला गाड़ी को टक्कर मारकर लिया
यमुनानगर कोर्ट में कुख्यात मोनू राणा पर गोली मारने के प्रयास में गिरफ्तार साहिल के एक नाबालिग भाई को भी पुलिस ने शहजादपुर से गिरफ्तार किया था। सीआइए उसे शहजादपुर में परीक्षा दिलाकर वापस लाते समय उनकी गाड़ी को डहरी के पास दूसरी गाड़ी ने टक्कर मारकर मारने का भी प्रयास किया था। बरवाला में युवक को गोलियां से भूना
बरवाला का भूपेश कुछ दिन पहले ही जेल से जमानत पर बाहर आया था। 17 अप्रैल, 2018 को दोनों गुटों की गैंगवार में बरवाला के भूपेश राणा पर फायरिग कर हत्या कर दी थी। इसी महीने मोनू राणा जेल से जमानत पर रिहा होकर बाहर आया। उसने बराड़ा स्थित महाराणा प्रताप चौक के नजदीक अपने साथियों समेत भूप्पी रणा गैंग से जुड़े विवेक को किराए पर ली गई गाड़ी में किडनैप किया। विवेक का शव डेराबस्सी के पास झाड़ियों में मिला।