निगम के भाग्य पर फिर मिली तारीख, अब डेढ़ माह करना होगा इंतजार
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नगर निगम अंबाला को भंग करने न करने के फैसले पर मंगलवार
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नगर निगम अंबाला को भंग करने न करने के फैसले पर मंगलवार को फिर सुनवाई नहीं हुई। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बार फिर इस मामले में नई तारीख दे दी। एक मार्च से अभी तक इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। कोर्ट ने अब 21 सितंबर की तारीख तय की है। हालांकि शुक्रवार को इस मामले में याचिककर्ता जनरल ¨सह माजरा पक्ष और सरकार पक्ष दोनों कोर्ट में मौजूद थे। करीब डेढ़ माह बाद अब इस मामले में सुनवाई होगी। ऐसे में अब नगर निगम अंबाला के चुनाव लटकने तय हैं। क्योंकि अभी तक तो अंबाला नगर निगम के चुनाव के लिए वार्डबंदी भी नहीं हो सकी है। बता दें कि वार्डबंदी का काम कोर्ट में मामला चले जाने के कारण लटक गया था। मंगलवार को दोनों पक्ष सुबह से लेकर दोपहर तक अपने केस का इंतजार करते रहे। दोपहर करीब ढाई बजे जब नंबर आया तो आगे तारीख मिल गई।
निगम भंग हुआ तो बनेंगे 62 वार्ड वरना 22
नगर निगम भंग होता है ट्विन सिटी में 31-31 वार्ड बनाए जाएंगे। इसके अलावा तीन-तीन मनोनीत पार्षद होंगे। यानी शहर सरकार 68 पार्षदों के हवाले होगी, लेकिन यदि निगम भंग नहीं होता तो नगर निगम अंबाला में कुल 22 वार्ड होंगे। क्योंकि 22 से ज्यादा वार्ड नहीं बनाए जा सकते। वर्तमान में 20 वार्ड हैं। लेकिन पांच साल में ट्विन सिटी में आबादी 60 हजार बढ़ गई। वर्तमान में 4.80 लाख आबादी ट्विन सिटी की हो चुकी है। इसीलिए निगम भंग हो या न हो लेकिन वार्डबंदी नए सिरे से होनी तय है। वार्डबंदी नगर निगम के हिसाब से होगी या नगर परिषद के हिसाब से यह हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही तय होगा। इसीलिए वार्डबंदी का काम अटका हुआ है।