बच्चों में अनुवांशिक रूप से होने वाला कैंसर बन रहा घातक
जागरण संवाददाता अंबाला पंजाब और हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों में पैदा होने वाले बच्चों म
जागरण संवाददाता, अंबाला : पंजाब और हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों में पैदा होने वाले बच्चों में अनुवांशिक कैंसर की बीमारी से ग्रस्त मिल रहे हैं। इसमें सर्वाधिक बच्चे हीमोफीलिया और हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित हैं। यह ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। अंबाला जिले में केवल छह महीने के दौरान 28 नए ऐसे बच्चे सामने आए हैं जिन्हें हीमोफीलिया और थैलासीमिया की शिकायत है। अब इस बीमारी के ग्राफ को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्लालिग तैयार करने में जुटा है।
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शाहाबाद और यमुनानगर का बच्चा भर्ती
हीमोफीलिया और हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित यमुनानगर का 7 वर्षीय और शाहाबाद का 5 वर्षीय दो बच्चे नागरिक अस्पताल छावनी में इलाज कराने पहुंचे। यहां विशेषज्ञ ने मरीज की नाजुक स्थिति को देखते हुए भर्ती करके इलाज शुरू कर दिया है। चिकित्सक ने बताया कि सरकार की तरफ से ऐसे पीड़ित बच्चों को तुरंत रक्त उपलब्ध कराने की व्यवस्था बना रखी है।
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अनुवांशिक बीमारी है हीमोफीलिया
छावनी अस्पताल बच्चों में कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. वनीत ने बताया कि हीमोफीलिया आनुवंशिक रोग है। यह चोट या दुर्घटना में यह जानलेवा साबित होती है क्योंकि रक्त का बहना जल्द ही बंद नहीं होता। इस रोग का कारण एक रक्त प्रोटीन की कमी होती है, जिसे क्लॉटिग फैक्टर कहा जाता है। इस फैक्टर की विशेषता यह है कि यह बहते हुए रक्त के थक्के जमाकर उसका बहना रोकता है। -----------------
रक्त विकार रोग है थैलेसीमिया
विशेषज्ञ बताते हैं कि थैलेसीमिया रोग एक तरह का रक्त विकार है। इसमें बच्चे के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन सही तरीके से नहीं हो पाता है और इन कोशिकाओं की आयु भी बहुत कम हो जाती है। -इस कारण इन बच्चों को हर 21 दिन बाद कम से कम एक यूनिट खून की जरूरत होती है।
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वर्जन
सरकार बच्चों में थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के ग्राफ को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए जिला स्तर के सरकारी अस्पतालों में कैंसर रोग विशेषज्ञ भेजे जा रहें हैं। इधर कुछ वर्ष में पंजाब और हरियाणा के जिलों में इस तरह के केस बढ़ने लगे हैं।
- डा. वनीत, शिशु कैंसर रोग विशेषज्ञ।
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