हरियाणा-पंजाब में स्मैक पहुंचाने वाले सात नाइजीरियन एसटीएफ के निशाने पर
पिछले दिनों अंबाला में स्मैक की खेप के साथ पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ के बाद एसटीएफ ने सात नाइजीरियन को चिह्नित किया है। इसमें कुछ नाइजीरियन तो ऐसे हैं जो दिल्ली पंजाब और चंडीगढ़ में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : हरियाणा-पंजाब के युवा नशे के दलदल में धंसते जा रहे हैं। इन युवाओं तक नशे की खेप पहुंचाने में विदेशियों का बड़ा हाथ है। पिछले दिनों अंबाला में स्मैक की खेप के साथ पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ के बाद एसटीएफ ने सात नाइजीरियन को चिह्नित किया है। इसमें कुछ नाइजीरियन तो ऐसे हैं जो दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ये सभी ग्राहकों तक नशीला पदार्थ पहुंचाने के लिए वाट्सअप काल और मैसेजिग का सहारा लेते हैं।
नशे के सौदागर जिस नंबर से वाट्सअप कॉल और मैसेज करते हैं उस पर इनकमिग कॉल नहीं होती है। इसमें अधिकतर नंबर वर्षो पहले बंद हो चुके होते हैं या फिर विदेशी नंबर होते हैं। ऐसे में इन्हें ट्रेस करना पुलिस के लिए सिरदर्द बन जाता है। पुलिस ने अब वाट्सअप के जरिए गोरखधंधा संचालित करने वालों को पकड़ने के लिए हाईटेक तकनीक अपनानी शुरू कर दी है।
चंडीगढ़ में आए दिन पकड़े जाते हैं विदेशी
यूटी के अलावा पंजाब और पंचकूला पुलिस आए दिन नाइजीरियन (विदेशी) को स्मैक की सप्लाई करने के आरोप में कार्रवाई करती है। इसमें पुलिस की पकड़ में वही विदेशी आते हैं जिनका ठिकाना निर्धारित होता है। इसमें कुछ तो हास्टल में रहकर पढ़ाई करते हैं तो कुछ टूरिस्ट वीजा पर भारत का भ्रमण करने के लिए आए रहते हैं। वर्जन
नशे के सौदागर बचने के लिए कोई भी जुगत कर लें, लेकिन वह पुलिस की पकड़ से नहीं बच सकते। हमारी टीम ने ऐसे लोगों की कुंडली तैयार कर ली है।
कुलभूषण, एसटीएफ डीएसपी