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प्रोजेक्ट में रोड़ा: यात्री ट्रेन से 35 फीट ऊंचाई पर मालगाड़ी दौड़ाने की योजना के बीच आया सेना डिपो

देश में यात्री ट्रेन से 35 फुट की ऊंचाई पर मालगाड़ियांं दौड़ाने की योजना पर काम हो रहा है लेकिन इसमें सेना कैंटीन डिपो के कारण रोड़ा अटक रहा है। सेना ने रेलवे से कहा है कि कैंटीन स्टोर डिपो बनाकर दे और 1100 गज जमीन भी देनी होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 09:47 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 05:36 PM (IST)
भारतीय रेलवे की मालगाड़ी की फाइल फोटो।

अंबाला [दीपक बहल]। देश में पहली बार करीब 35 फीट ऊंचाई पर मालगाडिय़ां दौड़ेंगी। लुधियाना से कोलकाता के बीच बिछने वाले इस प्रोजेक्ट में सेना का कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (सीएसडी) का डिपो और रेलवे के करीब 80 क्वार्टर रोड़ा बन गए हैं। सेना ने करीब 1100 गज में बने सीएसडी डिपो के लिए जहां अलग से जगह मांगी है वहीं इतनी ही जमीन पर ढांचा बनाने की डिमांड भी रखी है। सेना ने फ्रेट कॉरिडोर के तहत रेल लाइन बिछाने के लिए अपनी जमीन का 1100 गज का टुकड़ा देने की सहमति दे दी है, लेकिन इसके एवज में दी जाने वाली भूमि अभी तक फाइनल नहीं हो पाई है।

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इस प्रोजेक्ट के तहत रेलवे ने 80 क्वार्टरों को तोडऩे के लिए हरी झंडी दे दी है। डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन (Dedicated Freight Corridor Corporation DFCC) इतने ही क्वार्टर बनाकर रेलवे को देगी। 2499 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को जून 2022 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। सवारी गाड़ी से 35 फीट ऊपर मालगाड़ी करीब पांच किलोमीटर का रूट हवा में तय करेगी। लुधियाना से सहारनपुर के बीच सरहिंद, राजपुरा और अंबाला में जिन जगहों पर नीचे मालगाड़ी दौड़ाने में बाधा आ रही है, वहां पर जमीन से 35 फीट ऊंचा ट्रैक बिछेगा।

विशेष लाइन पर शिफ्ट हो जाएंगी मालगाडिय़ां

मौजूदा समय में मेन लाइन पर दौड़ रही मालगाडिय़ां बाद में बिछाई जा रहीं विशेष लाइन पर शिफ्ट हो जाएंगी। ऐसे में सवारी गाडिय़ों की संख्या में भी इजाफा हो जाएगा। मालगाडिय़ों की स्पीड भी 100 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी और सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। करीब 116 डिब्बों वाली मालगाड़ी इन पटरियों पर दौड़ेंगी, क्योंकि इनके लिए अधिक क्षमता वाले इंजन भी तैयार किए जा रहे हैं।

प्रोजेक्ट पूरा करने में कई चुनौतियां

इस प्रोजेक्ट में रेल लाइन के साथ जहां भी नई लाइन बिछाई जा रही है, वहां कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर रेलवे यार्ड में। लाइनों के पास ही खोदाई करनी पड़ रही है, जिसमें बिछी हुई सिग्नल और अन्य महत्वपूर्ण तार का ख्याल रखना पड़ रहा है। खोदाई में हल्की सी लापरवाही जहां सिग्नल लाइन को ठप कर सकता है, वहीं मौजूदा समय दौड़ रही रेलगाडिय़ों के लिए भी दिक्कत हो सकती है। प्रोजेक्ट मेंं अंबाला का सीएसडी डिपो भी आ गया। इस डिपो से हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, लेह, चंडीगढ़ तक सेना की कैंटिनों में सामान की सप्लाई होती है। सेना ने डिपो को तोडऩे पर हामी तो भर ली, लेकिन पहले इसी ढांचे को दूसरी जगह बनाकर देने का प्रस्ताव रखा है।

इस तरह ऊंचाई पर दिखेगी मालगाड़ी

अंबाला छावनी के कैप्टन उमराव सिंह (काली पलटन) पुल से करीब 35 फीट ऊंचाई पर लाइन बिछाई जाएगी। रेलवे कालोनी के क्वार्टरों के ऊपर से बिछती लाइन डीआरएम कार्यालय और फिर अंबाला-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊपर से होते हुए अंबाला-सहारनपुर रेलवे ट्रैक से मिल जाएगी। कार्य तेज गति से चल रहा है और लाइन बिछाने के लिए पिलर बनाए जा रहे हैं।


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