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युवाओं पर छाया फिटनेस का जुनून, लेकिन सेहत से भी खिलवाड़ न हो

रुटीन की आरामदायक लाइफ को छोड़कर आज की युवा पीढ़ी फिटनेस को लेकर काफी जागरूक हो चुकी है। युवा वर्ग अब फिटनेस बरकरार रखने के लिए सुबह व शाम सेंटर में पसीना बहा रहे हैं साथ ही डाइट को लेकर भी काफी सजग हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 06:39 AM (IST)
युवाओं पर छाया फिटनेस का जुनून, लेकिन सेहत से भी खिलवाड़ न हो
युवाओं पर छाया फिटनेस का जुनून, लेकिन सेहत से भी खिलवाड़ न हो

जागरण संवाददाता, अंबाला : रुटीन की आरामदायक लाइफ को छोड़कर आज की युवा पीढ़ी फिटनेस को लेकर काफी जागरूक हो चुकी है। युवा वर्ग अब फिटनेस बरकरार रखने के लिए सुबह व शाम सेंटर में पसीना बहा रहे हैं साथ ही डाइट को लेकर भी काफी सजग हो चुके हैं। इन फिटनेस सेंटर में अब फिजियोथैरेपी सेंटर भी शामिल हो चुके हैं, जो वैज्ञानिक तरीके से लोगों को फिटनेस के टिप्स दे रहे हैं। लेकिन इसी फिटनेस के चक्कर में कई युवा बेहिसाब डाइट शुरू कर रहे हैं, जो आने वाले समय में उनके लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

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इस तरह से बदल रहा है ट्रेंड

लाइफ स्टाइल जिस तरह तेजी से बदल रहा है, उसको देखते हुए युवा वर्ग अपनी फिटनेस को लेकर काफी सजग हो चुका है। फिजियोथैरेपी सेंटर हो या फिर फिटनेसर सेंटर उनके पास युवा वर्ग के साथ-साथ 40 प्लस आयु वर्ग के लोग काफी पहुंच रहे हैं। युवा वर्ग जहां अपनी फिटनेस बरकरार रखने के लिए सेंटर पहुंच रहे हैं, वहीं अन्य अपनी फिटनेस को पाने के लिए आ रहे हैं। इन में महिलाओं की संख्या भी अच्छी खासी है। फिटनेस सेंटर का यह ट्रेंड लगातार बढ़ रहा है।

यह कहते हैं लोग

युवा पुष्कर कुमार, रिशभ कुमार, नौकरीपेशा योगेश कुमार का कहते हैं कि फिटनेस सेंटर में सुविधाएं तो ठीक ठाक हैं और वर्कआउट के बाद काफी हल्का महसूस करते हैं। रोजाना सुबह के समय एक घंटे के लिए सेंटर में जाते हैं। पहले तो यह रूटीन नहीं थी, लेकिन साथ ही डाइट को लेकर भी सेंटर से ही सलाह मिलती है। अब यह व्यक्तिगत निर्णय है कि यह डाइट लेते हैं या नहीं। लेकिन जैसा वर्कआउट होता है, उसी हिसाब से डाइट भी चाहिए।

यह कहते हैं फिजियोथैरेपिस्ट

अंबाला छावनी के फिजियोथैरेपिस्ट व फिटनेस ट्रेनर डा. मिलन दास का कहना है कि फिटनेस को लेकर युवा वर्ग आज ज्यादा जागरूक है। जिम में वर्कआउट से लेकर योग का सहारा ले रहा है। साथ ही मध्यम आयु वर्ग के लोग भी फिटनेस को लेकर सजग हैं। वे जिम की बजाये एयरोबिक्स या योग को प्राथमिकता देते हैं। कुछ युवा हैं जो फिटनेस को बॉडी बिल्डिंग मान लेते हैं और अपने स्तर पर ही डाइट शुरू कर देते हैं। यह उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।


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