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अंबाला में 70 साल पुराने पेड़ों को मिलेगी 2500 रुपये पेंशन

वन विभाग ने जिला में 70 साल से अधिक पुराने पेड़ों की तलाश शुरू कर दी है। सर्वे पूरा होने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उसके बाद सबसे पुराने पेड़ की 2500 रुपये पेंशन लगाई जाएगी। दरअसल पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोक पर्यावरण को बढ़ावा देने के मद्देनजर यह योजना बनाई गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 06:50 AM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 06:50 AM (IST)
अंबाला में 70 साल पुराने पेड़ों को मिलेगी 2500 रुपये पेंशन
अंबाला में 70 साल पुराने पेड़ों को मिलेगी 2500 रुपये पेंशन

सुरेश सैनी, अंबाला शहर

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वन विभाग ने जिला में 70 साल से अधिक पुराने पेड़ों की तलाश शुरू कर दी है। सर्वे पूरा होने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उसके बाद सबसे पुराने पेड़ की 2500 रुपये पेंशन लगाई जाएगी। दरअसल, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोक पर्यावरण को बढ़ावा देने के मद्देनजर यह योजना बनाई गई है। विभाग के मुताबिक अंबाला जिले में करीब 125 पेड़ ऐसे सामने आ रहे जो वर्षो पुराने हैं। पेंशन के रूप में मिलने वाली राशि का हकदार वह होगा, जिसकी जमीन पर पेड़ छाया दे रहा है। इस पेंशन से पुराने पेड़ की देखरेख होगी। जो पेड़ पंचायत के क्षेत्र में होगा, उसका पैसा पंचायती फंड में जाएगा। यदि किसी की निजी जमीन पर पेड़ हैं तो उसका पैसा मालिक को मिलेगा।

पर्यावरण को बचाए रखने के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत पुराने पेड़ों का सर्वे शुरू कर दिया गया है। सर्वे के लिए छह से सात टीम बनाई जा चुकी है। इन टीमों को अलग-अलग एरिया बांट दिया गया है। विभाग के मुताबिक नारायणगढ़ एरिया में ही 15 पेड़ जो बरगद व पीपल के मिले हैं जिनकी उम्र 70 से अधिक आंकी जा रही। यह पेड़ किस जगह पर लगे हैं, उसकी रिपोर्ट बनाई जा रही है।

------------ इस तरह से आंकी जा रही उम्र

जिस एरिया में पुराना पेड़ है वहां के सरपंच, गांव के पुराने बुजुर्ग आदि से पड़ताल कर टीके सदस्य पेड़ की उम्र का आकलन करते हैं। इसके अलावा पेड़ों की उम्र गणितीय व अनुमान के आधार पर निकाली जा रही है। दूसरा ज्यादा दिक्कत आने पर ड्रिल का प्रयोग कर तने के छल्लों के आधार पर भी उम्र का आकलन किया जाता है। बता दें सर्वे में अभी तक सबसे ज्यादा पुराने पेड़ पीपल व बरगद के मिले हैं। --------- प्राण वायु का काम करते हैं पेड़

हालांकि पुराने पेड़ कम संख्या में मिलना भविष्य के लिए चिता का विषय बन गया है। कभी एक समय था वर्षो पुराने पेड़ जगह-जगह पर देखने को मिलते थे। मगर कंक्रीटों की मीनार के लिए पेड़ों की कटाई होती चली गई। ऐसे में पुराने पेड़ों का वजूद खत्म होता चला गया। यहां बता दें पुराने पेड़ों का आकार ज्यादा बड़ा होता है। इसलिए वह सामान्य पेड़ से ज्यादा आक्सीजन छोड़ते हैं। एक स्वस्थ पेड़ हर रोज 250 से 300 लीटर तक आक्सीजन देता है जिससे चार से पांच लोगों को प्राण वायु मिलती है।

---------- 70 साल से अधिक पुराने पेड़ों का सर्वे शुरू कर दिया गया है। किे की बात करें तो करीब 125 पेड़ ऐसे होंगे जो पुराने हैं। सर्वे के बाद पुराने पेड़ों की 2500 रुपये पेंशन लगेगी। यह पेंशन उसे मिलेगी जो जमीन का मालिक होगा ताकि पेड़ की देखरेख भी हो सके।

-मोहन लाल, रेंज फारेस्ट आफिसर, नारायणगढ़।


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