जिले के 78 गांव होंगे लाल डोरा मुक्त, मकान मालिकों को मिलेगी आइडी
जिले के 78 गांव लाल डोरा मुक्त होंगे। इसके बाद ग्रामीणों को अपने मकान का आइडी नंबर मिलेगा। शहर की तर्ज पर गांवों में रहने वाले लोगों को भी उनके घर की रजिस्ट्री मिलेगी। इस प्रकिया को लेकर निशानदेही और ड्रोन से मैपिग का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें पहले मशीन से पैमाइश की जा रही है। इससे पहले शेड्यूल में 11 गांवों को चुना गया था जिन्हें लाल डोरा मुक्त कर दिया गया है। बता दें कि पहले शेड्यूल वाले गांवों को 2 अक्टूबर को रजिस्ट्रेशन डीड लाल डोरा मुक्त इलेक्ट्रॉनिक के माध्यम से बांटी गई थी।
अवतार चहल, अंबाला शहर
जिले के 78 गांव लाल डोरा मुक्त होंगे। इसके बाद ग्रामीणों को अपने मकान का आइडी नंबर मिलेगा। शहर की तर्ज पर गांवों में रहने वाले लोगों को भी उनके घर की रजिस्ट्री मिलेगी। इस प्रकिया को लेकर निशानदेही और ड्रोन से मैपिग का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसमें पहले मशीन से पैमाइश की जा रही है। इससे पहले शेड्यूल में 11 गांवों को चुना गया था, जिन्हें लाल डोरा मुक्त कर दिया गया है।
बता दें कि पहले शेड्यूल वाले गांवों को 2 अक्टूबर को रजिस्ट्रेशन डीड लाल डोरा मुक्त इलेक्ट्रॉनिक के माध्यम से बांटी गई थी। जानकारी अनुसार स्वामित्व स्कीम के अंतर्गत गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जा रहा है। अब इन गांवों के लोगों को लाल डोरे में आने वाली जमीन का मालिकाना हक मिल सकेगा। मैपिग के आधार पर प्रॉपर्टी का मालिकाना हक देने, आपत्तियां दर्ज करने के लिए प्रशासन की ओर से टीम का गठन किया जा सकता है, जिसमें गांव के सरपंच, ग्राम सचिव, नंबरदार, पटवारी, कानूनगो, भूतपूर्व सैनिक को कमेटी में शामिल किया जाएगा। कमेटी मैपिग के आधार पर पहचान करेगी कि इस घर का मालिकाना हक किसे दिया जाए। उस जमीन का रिकॉर्ड भी तैयार करेगी। गांव उगाड़ा के सरपंच जसविद्र सिंह और बाड़ा के सरपंच विकास बहगल ने बताया कि उनके गांव लाल डोरा मुक्त हो चुके हैं। जिसमें काफी हद तक ग्रामीणों को प्रॉपर्टी आइडी भी दी जा चुकी हैं।
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-यह होता है लाल डोरा
लाल डोरे को अंग्रेजों ने 1908 में बनाया था। उस दौरान राजस्व रिकार्ड रखने के लिए खेतीबाड़ी की जमीन के साथ स्थित गांव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के मकसद से नक्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींची जाती थी। लाल डोरे के अंदर लोग कब्जे के मालिक होते हैं जिसे लाल डोरा कहा जाता है। अब लाल डोरा को खत्म करने के बाद घरों को नंबर अलॉट किए जाएंगे।
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-सर्वे इंडिया की ओर से किया जा रहा ड्रोन सर्वे सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से ड्रोन के जरिए मैपिग की जाती है। इसमें रोजाना चार-पांच गांवों में प्रकिया चल रही है। इसमें सबसे पहले डीआरओ की ओर से शेड्यूल बनाए जाते हैं। पहला शेड्यूल नवंबर माह में हुआ था और अब दूसरा दिसंबर माह में शेड्यूल आया, जो चल रहा है। डीआरओ की ओर से डिमार्केशन कराई जाती है। ब्लॉक स्तर पर चूना मार्किंग करवाई जाती है और सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से ड्रोन फ्लाइंग करवाई जाती है। सर्वे ऑफ इंडिया ही मैप बनवाते हैं। इसके बाद ब्लॉक स्तर पर वेरिफिकेशन होती है, जिसमें गलती होने पर दोबारा भेजा जाता है। गांव में ग्राम सभा होती है। कोई आपत्ति हो तो 30 दिन दिए जाते हैं और बाद में यह फाइनल होता है।
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-छह खंडों में चुने गए 78 गांव
-बराड़ा खंड
कम्बास, अकालगढ़, मनुमाजरा, तलहेड़ी रंगड़ान, मलकपुर, कम्बासी, अधोई, तोलांवाली, दहिया माजरा, सुभरी, जलूबी, अबदुल्लागढ़, सोहाता, खानपुरा, राऊमाजरा, तंदवाली।
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-मुलाना खंड
गोला, गोली, तमडौली, पपलौथा, ठाकुरपुरा, उपलाना, गोकुलगढ़, तलहेड़ी गुजरां।
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-साहा खंड
साबापुर, महमूदपुर, नग्गल, खारूखेड़ा, मिट्ठापुर, फलैलमाजरा, टोबा, घसीटपुर।
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-शहजादपुर खंड
छज्जूमाजरा, बहलौली, पटवी, तसडौली, तसडौला, खानपुर ब्राहमण, मुकंदपुर, गोविदपुर, रसीदपुर, बेरपुर, खेड़ा जटान, रायेवाली, बेड़ाखेड़ी, सिघपुरा, श्यामडू, गाजीपुर।
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-नारायणगढ़ खंड
टोका, फिरोजपुर, उज्जल माजरी, मियांपुर, रामपुर, दुधली, काठेमाजरा, बतौरा, मीरपुर, अकबरपुर, फतेहपुर, नगौली, छोटी कोहड़ी, वासलपुर, बड़ी कोहड़ी।
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-अंबाला खंड एक
बड़िगा, डंगहेड़ियां, ईस्माईलपुर, मलौर, भुड़ंगपुर, दाउदपुर, नकटपुर, बांहपुर, पंजौला, बटरोहन, डेलूमाजरा, खुर्चनपुर, लौटां, उदयपुर, रसूलपुर।
------- -ये गांव पहले हो चुके लाल डोरा मुक्त
बाबाहेड़ी, बाड़ा, भीलपुरा, धुराली, कपूरी, मिर्जापुर, पिलखनी, रतनहेड़ी, सपेड़ा, उगाड़ा, रवालौ।
-------------- वर्जन
-लाल डोरा मुक्त को लेकर पहले 11 गांवों को चुना गया था। अब दिसंबर माह में दूसरा शेड्यूल चल रहा है, जिसमें 78 गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जाने को लेकर प्रकिया चल रही है।
रोहन, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर