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मंडोर गांव में रैपिड एंटीजन किट से जांच रहे कोरोना संक्रमण

मंडोर गांव में आशा वर्कर आंगनबाड़ी वर्कर और एएनएम ने घरों का डोर-टू-डोर सर्वे शुरू कर दिया है। यहां पर फ्लू के लक्षण वालों के रेपिड एंटीजन किट से जांच की जाती है। गांव में करीब सात कोरोना संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है और गंभीर मरीजों को सिविल अस्पताल में रेफर किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 08:00 AM (IST)
मंडोर गांव में रैपिड एंटीजन किट से जांच रहे कोरोना संक्रमण
मंडोर गांव में रैपिड एंटीजन किट से जांच रहे कोरोना संक्रमण

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : मंडोर गांव में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर और एएनएम ने घरों का डोर-टू-डोर सर्वे शुरू कर दिया है। यहां पर फ्लू के लक्षण वालों के रेपिड एंटीजन किट से जांच की जाती है। गांव में करीब सात कोरोना संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है और गंभीर मरीजों को सिविल अस्पताल में रेफर किया गया।

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शहर के मंडोर गांव में प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बना है। यहां से मंडोर, खतौली, बरनाला और कुंडली गांव के लोगों को इलाज की सुविधा मिलती है। इन गांवों की आबादी करीब 9 हजार 500 है। यहां पर कोरोना संक्रमण से एक मौत भी हो चुकी है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो चुका है। गांव में स्वास्थ्य विभाग की दो टीमों ने घरों में डोर-टू-डोर सर्वे का काम शुरू कर दिया है। इसमें आशा वर्कर, एएनएम और आंगनबाड़ी घरों में जुकाम, खांसी और बुखार के मरीजों का पता करते हैं। इस दौरान लोगों की थर्मल स्क्रीनिग की जाती है और केंद्र से मरीजों को दवा दी जाती है। इसके लिए हर रोज 50 घरों का सर्वे करने का काम किया जाता है। इस संबंध में एएनएम प्रवीन ने बताया कि लोगों को कोरोना से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं। साथ ही दो गज की दूरी और मास्क लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

---------------- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्टाफ

मंडोर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक मेडिकल आफिसर, दो एएनएम और एक मेल हेल्थ वर्कर कार्यरत हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सभी स्टाफ की ड्यूटी गांव में सर्वे में लगी है। इसलिए प्राथमिक केंद्र पर ताला लगा रहता है।

---------------- मंडोर गांव में लोगों की जांच के लिए डोर-टू-डोर सर्वे शुरू कर दिया है। इस दौरान लोगों की थर्मल स्क्रीनिग भी की जाती है। वहीं लक्षण मिलने पर दवा और नमूने लेने का काम किया जाता है।

डॉ. मधु, मेडिकल आफिसर, स्वास्थ्य विभाग


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