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रेलवे में सीवीसी की गाइडलांइस नजरअंदाज, वर्षों से एक ही जगह जमे हैं अधिकारी

रेलवे में भ्रष्टाचार रोकने एवं पारदर्शी व्यवस्था के लिए बने नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। अपर महाप्रबंधक ने माना कि संवेदनशील पदों पर चार साल में तबादले होने चाहिए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 08:39 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 04:54 PM (IST)
रेलवे में सीवीसी की गाइडलांइस नजरअंदाज, वर्षों से एक ही जगह जमे हैं अधिकारी
रेलवे में सीवीसी की गाइडलांइस नजरअंदाज, वर्षों से एक ही जगह जमे हैं अधिकारी

अंबाला [दीपक बहल]। संवेदनशील पदों पर तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले की पॉलिसी को रेलवे नजरअंदाज कर रहा है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अधिकारियों और कर्मचारियों का हर चार साल में तबादला करने के दिशा निर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद एसीएम (असिस्टेंट कॉमर्शियल मैनेजर) रैंक का एक अधिकारी रसूख के कारण अपने पद पर छह साल से जमा है, जबकि उत्तर रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (सीसीएम) दो बार उसके तबादले के आदेश दे चुके हैं।

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अंबाला स्टेशन पर पहली बार निरीक्षण दौरे पर पहुंचे उत्तर रेलवे के अपर महाप्रबंधक राजेश तिवारी ने माना, संवेदनशील पदों पर तैनात अधिकारियों व कर्मियों के लिए सीवीसी ने गाइडलाइन जारी कर रखी हैं। जब उनसे पूछा गया कि अंबाला में कई अधिकारी संवेदनशील पदों पर लंबे समय से जमे हैं तो उनका कहना था वह चेक करेंगे। उनका मानना था कि नियमों के अनुसार तबादले होने ही चाहिए।

तेजस के लिए लगेगा अभी समय

अपर महाप्रबंधक ने कहा कि चंडीगढ़-दिल्ली के बीच दौडऩे वाली देश की पहली हाईटेक ट्रेन तेजस एक्सप्रेस कब से चलेगी, यह अभी तक तय नहीं है। अभी इसमें समय लगेगा। उनका कहना था यह ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस से करीब 25 मिनट पहले अपना सफर तय कर लेगी। फिलहाल, तेजस एक्सप्रेस चंडीगढ़ से दिल्ली तक नॉन स्टाप चलाने की योजना है।

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स्टील घोटाला : संरक्षा से समझौता नहीं होगा

देशभर में विद्युतीकरण परियोजनाओं में मानक से कम वजन के स्टील स्ट्रक्चर्स (खंभे) खड़े करने के सवाल पर अपर महाप्रबंधक ने कहा कि इस प्रकरण की जांच विजिलेंस कर रही है,  इसलिए कुछ नहीं बता सकते। जब उनसे पूछा गया कि कम वजन वाले स्ट्रक्चर्स को निकाला जा सकता है तो उनका कहना था कि रेलवे संरक्षा से कभी समझौता नहीं करता। विजिलेंस के साथ संरक्षा से जुड़े अधिकारी भी जांच कर रहे होंगे, हर ङ्क्षबदु पर जांच होती है।

2020 तक पूरा हो सकता है रेलवे कॉरिडोर

अपर महाप्रबंधक ने कहा कि लुधियाना से कोलकाता तक बन रहे रेलवे कॉरिडोर का काम 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है। लगातार लेट होने के मामले में उनका कहना था कि लेट होने में जमीन अधिग्रहण सहित कई कारण रहे। स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट(एसआरएम) की शक्तियों को लेकर उभरे विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला आने के मामले में अपर महाप्रबंधक ने कहा कि कानूनी राय ली जा रही है। ट्रेनों की लेटलतीफी पर उनका कहना था कि उत्तर रेलवे में करीब तीस फीसद सुधार हो चुका है। ट्रैक पर ब्लाक लेकर सुधार किए जा रहे हैं, इसके बाद और सुधार होगा।

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