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अंबाला रेल मंडल में गड़बड़ी, सरकारी पैसा अपने खाते में जमा करते रहे कर्मचारी, दो कर्मचारियों पर कार्रवाई

अंबाला रेल मंडल में रेलवे गुड्स कार्यालय में गड़बड़ी सामने आई है। जांच के बाद दो कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। एक को बर्खास्त व एक की पेंशन व ग्रेच्युटी लटक गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 09:21 AM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 10:33 AM (IST)
अंबाला रेल मंडल में गड़बड़ी, सरकारी पैसा अपने खाते में जमा करते रहे कर्मचारी, दो कर्मचारियों पर कार्रवाई
अंबाला रेल मंडल में गड़बड़ी, सरकारी पैसा अपने खाते में जमा करते रहे कर्मचारी, दो कर्मचारियों पर कार्रवाई

अंबाला [दीपक बहल]। अंबाला छावनी के रेलवे गुड्स कार्यालय में गड़बड़ी सामने आई है। मामले मेंं फंसेे दो रेल कर्मचारियों में से एक को नौकरी से निकाल दिया गया है, जबकि दूसरे की ग्रेच्युटी और पेंशन लटक गई। इन कर्मचारियों ने गड़बड़ी कर सरकारी रुपये का निजी इस्तेमाल किया।

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दिल्ली के अकाउंट्स विभाग ने करीब साढ़े चार लाख रुपये की गड़बड़ी पकड़ी, जिसके बाद अंबाला मंडल के अधिकारी नींद से जागे और जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि इन कर्मचारियों ने सरकारी रुपया जमा नहीं कराया, जबकि कागजों में गड़बड़ी की। दोनों कर्मचारियों को मेजर चार्जशीट जारी कर दी गई। एक कर्मचारी फरवरी 2018 में ही सेवानिवृत्त हो गया, जबकि दूसरे को अब नौकरी से निकाला गया है।

भारतीय खाद्य निगम अंबाला और अन्य जिलों का गेहूं और चावल लोडिंग होकर देशभर में भेजा जाता रहा। दूसरे राज्यों से आई एसीसी सीमेंट की रैक यहां लगती है। यहीं से प्रदेश भर में इसकी सप्लाई होती है।

मालगाड़ी से लोडेड सामान उतारने में देरी पर रेलवे जुर्माना वसूलता है। यदि एक घंटा देरी से माल उतारा जाए तो डेढ़ सौ रुपये प्रति डिब्बे के हिसाब से जुर्माना है। ट्रेन यदि 58 डिब्बों की है तो जुर्माना 8700 लगता है। अंबाला छावनी से सटे गुड्स कार्यालय के कर्मचारियों ने यह जुर्माना तो वसूल कर लिया, लेकिन कागजों में गड़बड़ी कर इस राशि का कुछ हिस्सा ही जमा कराया।

यह खेल लंबे समय तक चला और अफसर बेखबर रहे। दिल्ली में लेखा विभाग की जांच में गड़बड़ी सामने आई तो खुलासा हुआ कि करीब 4.50 लाख रुपये सरकारी खजाने में जमा नहीं हुए। कॉमर्शियल विभाग के अधिकारियों ने संबंधित क्लर्क का तबादला कर दिया था। जांच के लिए कमेटी गठित की गई। जब जांच हुई तो कार्यालय से दस्तावेज भी गायब मिले। ऐसे में इन कर्मचारियों को मेजर चार्जशीट जारी कर जवाब तलब किया गया।

जांच में स्पष्ट हो चुका था कि घोटाला हो चुका है, बावजूद कर्मचारी को जबरन रिटायर्ड नहीं किया गया और न ही नौकरी से निकाला गया। हालांकि घोटाला उजागर होने के कारण कर्मचारी की पेंशन व ग्रेच्युटी रोक दी गई। अब जांच पूरी होने के बाद दूसरे कर्मी को नौकरी से निकाला गया है।


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