रेल मंत्रालय ने स्टाल मालिकों को दी बड़ी राहत, मंडलों को मिली किराया तय करने की शक्तियां
कोरोना के कारण अभी भी रेलवे स्टेशनों पर पूरी तरह से रौनक नहीं लौट पाई है। ऐसे में स्टेशन पर स्टाल चलाने वाले परेशान हैं लेकिन अब रेल मंत्रालय ने इनकी परेशानी का हल निकाल लिया है ।
अंबाला [दीपक बहल]। कोरोना काल में स्पेशल ट्रेनें पटरी पर जरूर आ रही हैं. लेकिन अभी बहुत सी ट्रेनें नहीं चल रही हैं। यही कारण है अनेक स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव ही नहीं है। स्टेशन परिसर क्षेत्र में स्टाल, पार्किंग, एसटीडी-पीसीओ, समेत अन्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होने के कारण लाइसेंस फीस वसूलने का रेलवे ने नया रास्ता निकाला है।
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हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बंद स्टाल संचालकों को 100 रुपये प्रति माह किराया (लाइसेंसी फीस) देनी होगी। जिन स्टेशनों पर स्टाल खोल लिए गए हैं उन्हेंं महज पांच फीसद किराया अदा करना होगा। जुलाई से सितंबर 2020 तक का यह किराया अंबाला मंडल के अधिकारियों ने तय किया है।
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बता दें, रेल मंत्रालय ने लाइसेंस फीस में छूट की राहत देने के आदेश जारी किए थे। लाकडाउन अवधि में ट्रेनों के बंद रहने और स्टेशन परिसर क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां बंद रहने से तमाम स्टॉल, पाॄकग, एसटीडी-पीसीओ समेत अन्य सेवाएं ठप रही थी। इससे व्यावसायिक ठेकेदारों को नुकसान हुआ था।
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रेल मंत्रालय ने स्टाल संचालकों की पीड़ा को समझते हुए 25 मार्च से 22 जून तक की लाइसेंस फीस माफ कर दी थी। इसी बीच रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों का दर्जा देकर चुनिंदा रेलगाडिय़ां चला दीं। ऐसे में जून के बाद किराया कैसे वसूल किया जाएगा, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। स्पेशल ट्रेनों का दर्जा होने के कारण कुछ स्टेशनों के लिए ट्रेनें चल ही नहीं रही थीं तो कुछ स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव ही नहीं था।
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रेल मंत्रालय ने मंडल अधिकारियों की शक्तियों में इजाफा करते अपने-अपने मंडल में स्टाल संचालकों का किराया तय करने की छूट दे दी थी। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) ने अपने अपने मंडलों में टीम बना दी जो तय करेगी कि स्टाल मालिकों से कितना किराया लिया जाए। वर्तमान में सिर्फ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन हो रहा है, ऐसे में सिर्फ बड़े स्टेशनों पर ही ट्रेनों का ठहराव है और यात्री अभी बाहर के भोजन से परहेज कर रहे। इसको देखते हुए स्टाल संचालकों को और राहत देने का फैसला लिया गया। डीआरएम जीएम सिंह को टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसके बाद बंद स्टाल से 100 रुपये और जहां खुले हैं वहां पांच फीसद ही किराया वसूलने का आदेश दिया गया।
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