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रेलवे ने रचा इतिहास, 88 डिब्बों की अन्नपूर्णा ट्रेन ने 50 घंटे से कम में तय किया 1634 किमी का सफर

कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे ने इतिहास रच दिया है। 88 वैगन‍ की मालगाड़ी ने 50 घंटे में 1634 किमी का सफर तय कर खाद्यान्‍न पहुंचाया। इसका नाम अन्‍नपूर्णा ट्रेन रखा गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 10:44 AM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 10:52 PM (IST)
रेलवे ने रचा इतिहास, 88  डिब्बों की अन्नपूर्णा ट्रेन ने 50 घंटे से कम में तय किया 1634 किमी का सफर
रेलवे ने रचा इतिहास, 88 डिब्बों की अन्नपूर्णा ट्रेन ने 50 घंटे से कम में तय किया 1634 किमी का सफर

अंबाला, [दीपक बहल]। देश में कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन है और सबकुछ बंद है। इसके बीच भारतीय रेलवे ने नया इतिहास रच दिया है। रेलवे खाद्यान्‍न और जरूरी वस्‍तुएं देशभर में पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहा है। पंजाब के ढंढारीकलां से असम के न्यू जलपाइगुड़ी तक दो इंजन और दो अतिरिक्त डिब्बों सहित 88 डिब्बों की अन्नपूर्णा मालगाड़ी ने 49 घंटे 50 मिनट में 1634 किलोमीटर (किमी) का सफर तय कर इतिहास रच दिया। पहले यह दूरी तय करने में 96 से 100 घंटे तक लग जाते थे।

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लॉकडाउन में पंजाब के ढंढारीकलां से असम के न्यू जलपाइगुड़ी तक खाद्यान्न पहुंचाया

यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद होने से अब मालगाड़ियों को ट्रैक बिल्कुल क्लीयर मिल रहा है और इसका लाभ मिल रहा है। लेकिन, इस मालगाड़ी ने रेलवे के इतिहास में नया अध्‍याय लिख दिया है। इसी कारण रेलवे ने इस ट्रेन को अन्‍नपूर्णा नाम दिया है।

प्रदेशों की खाद्यान्न आपूर्ति में 137 फीसद की बढ़ोतरी

अनाज से भरी अन्नपूर्णा ट्रेन ने तत्परता से देशभर के दस राज्यों में जरूरतमंदों तक खाद्यान्न पहुंचाया है। पहली बार है रेलवे ने इतने बड़े पैमाने पर खाद्यान्न पहुंचाया है। पिछले साल की तुलना में यह 137 फीसद अधिक है। उत्तर प्रदेश, असम और गुजरात में बढ़ोतरी का फीसद सबसे ज्यादा है।

रेलवे द्वारा किया गया ट्वीट।

80 फीसद लोगों को रेलवे के इस प्रयास से होगा लाभ

लॉकडाउन के इस दौर में रेलवे ने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) के साथ मिलकर 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक यह खाद्यान पहुंचाया है और अपनी आय भी बढ़ाई है। रेलवे की करीब 70 फीसद आय का साधन माल ढुलाई ही है। इससे रेलवे को अपने नुकसान की कुछ हद तक भरपाई भी हो रही है। पिछले साल की तुलना में इस साल लाखों टन ज्यादा अनाज इन राज्यों में पहुंचाया गया है, ताकि वहां के स्थानीय लोगों सहित प्रवासी मजदूरों को भी यह अनाज मुहैया कराया जा सके।

70 फीसद आय का साधन माल ढुलाई है रेलवे का

रेलवे का कहना है कि इन परिस्थितियों में रेलवे जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाएगा। रेलवे के इस प्रयास से देश के करीब 80 फीसद लोगों को इससे लाभ होगा। एक ट्रेन में करीब पांच हजार टन अनाज की आपूर्ति की जा रही है। उत्तर रेलवे के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 1 से 14 अप्रैल की अवधि में उत्तर प्रदेश में पिछले साल 0.33 लाख टन से 2.97 लाख टन आपूर्ति की गई है, जो 792 फीसद अधिक है।

इसी तरह बिहार में 1.30 लाख टन से 2.28 लाख टन (76 फीसद वृद्धि), असम में 0.53 लाख टन से 2.07 लाख टन (291 फीसद वृद्धि), महाराष्ट्र, 0.80 लाख टन से 1.85 लाख टन ( 131 फीसद वृद्धि), गुजरात में 0.47 लाख टन से 1.55 लाख टन (230 फीसद वृद्धि), कर्नाटक में 0.80 लाख टन से 1.54 लाख टन (93 फीसद वृद्धि), अन्य राज्यों में 1.94 लाख टन से 2.39 लाख टन ( 23 फीसद वृद्धि) पहुंच चुकी है।

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