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कोहरे में फॉग सेफ डिवाइस करेगी ट्रेनों की लेटलतीफी दूर, एेसे करती है यह काम

कोहरे में रेलवे का सबसे भरोसेमंद साथी फॉग सेफ डिवाइस होता है। यही वजह है कि अंबाला मंडल ने करीब 300 डिवाइस खरीद कर सभी चालकों को सौंप दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 09:01 PM (IST)
कोहरे में फॉग सेफ डिवाइस करेगी ट्रेनों की लेटलतीफी दूर, एेसे करती है यह काम
कोहरे में फॉग सेफ डिवाइस करेगी ट्रेनों की लेटलतीफी दूर, एेसे करती है यह काम

अंबाला [दीपक बहल]। कोहरे में रेलवे का सबसे भरोसेमंद साथी फॉग सेफ डिवाइस होता है। यही वजह है कि अंबाला मंडल ने करीब 300 डिवाइस खरीद कर सभी चालकों को सौंप दी है। करीब एक हजार मीटर पहले चालक को पता चल जाएगा कि आगे सिग्नल आ रहा है। ड्यूटी शुरू करते समय चालक को डिवाइस सौंप दी जाती है। अपनी ड्यूटी खत्म कर वह उसे उतार लेता है।

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डिवाइस में पहले से ही रूट की जियो मैपिंग के जरिए सिग्नल, स्टेशन, लेवल क्रासिंग की लोकेशन फीड होती है। उदाहरण के लिए अंबाला के ड्राइवर को नई दिल्ली-अंबाला-लुधियाना होते हुए रूट सेट करना होगा। डिवाइस में रूट पर पड़ने वाले संबंधित लोकेशन की जानकारी मिलने लगती है।

ट्रेनों की देरी का जांच करेंगे एडीआरएम

ट्रेन किस कारण से लेट हुई, अब इसकी जांच एडीआरएम (असिस्टेंट डिवीजनल रेलवे मैनेजर) करेंगे। अब तक होता यह था कि रेलवे के विभाग इसके लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरा देते थे। अब ट्रेनें लेट होने का सही कारण जानने के लिए रेलवे मंत्रालय ने पॉलिसी में बदलाव कर मुख्यालय की शक्तियां मंडल स्तर पर सौंप दी है।

इस संबंध में लिखित आदेश 3 दिसंबर को देशभर के सभी मंडलों में जारी कर दिए गए हैं। पहले रेलगाड़ियों के समयपालन की निगरानी का काम चीफ ऑपरेशनल मैनेजर (सीओएम) के पास था। यहीं से रेलगाड़ियों के समय पर चलाने व देरी होने पर कार्रवाई तय की जाती थी।

आदेश में कहा गया है कि रेलवे सूचना प्रणाली सभी डिवीजन के एडीआरएम के यूजर आइडी व पासवर्ड सिस्टम में अपलोड कर दे। इससे ट्रेनों के समयपालन निगरानी प्रणाली की निगरानी वे कर सकेंगे। यदि सिग्नल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, ऑपरेटिंग, इंजीनियरिंग या किन कागरणों से ट्रेन लेट हुई, इसकी प्रतिदिन रिपोर्टिंग एडीआरएम के पास होगी। मंडल पर ही तय कर दिया जाएगा किस कारण ट्रेनें लेट हुई।

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