हाईवे के किनारे 20 की जगह लग रहे 15 किलो वजन वाले रेलिग
नेशनल हाईवे अथारिटी ने अंबाला-साहा हाईवे की करीब 14 किलोमीटर चौड़ीकरण का कार्य सिगल इंडिया लि. कंपनी को कराने के लिए 144 करोड़ में ठेका दिया गया। इस हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। सड़क पर अवैध कट को बंद करते हुए कोई जानवर नहीं आए इसके लिए हाईवे के दोनों किनारे ड्रेन और सर्विस रोड के किनारे रेलिग लगाने का कार्य शुरू हुआ। हाईवे के दोनों किनारे पर रेलिग लगाने में करोड़ो का घोटाले की नींव पड़ चुकी है। क्योंकि रेलिग लगाने का ठेका लेने वाली पंजाब की कंपनी महज 13 से साढ़े 15 किलोग्राम वजन के ही रेलिग लगा रही है।
जागरण संवाददाता, अंबाला : नेशनल हाईवे अथारिटी ने अंबाला-साहा हाईवे की करीब 14 किलोमीटर चौड़ीकरण का कार्य सिगल इंडिया लि. कंपनी को कराने के लिए 144 करोड़ में ठेका दिया गया। इस हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। सड़क पर अवैध कट को बंद करते हुए कोई जानवर नहीं आए इसके लिए हाईवे के दोनों किनारे ड्रेन और सर्विस रोड के किनारे रेलिग लगाने का कार्य शुरू हुआ। हाईवे के दोनों किनारे पर रेलिग लगाने में करोड़ो का घोटाले की नींव पड़ चुकी है। क्योंकि रेलिग लगाने का ठेका लेने वाली पंजाब की कंपनी महज 13 से साढ़े 15 किलोग्राम वजन के ही रेलिग लगा रही है। जबकि प्रत्येक रेलिग कम से कम 20 किलोग्राम के लगाए जाने का प्रविधान है।
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पाइप भी टेंडर के नियमों के मुताबिक नहीं
रेलिग किसी एक जगह से नहीं बल्कि छावनी में दो बेल्डिग वर्क करने वाले वर्कशाप में तैयार कराए जा रहे हैं। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) की तरफ से पंजाब की जिस कंपनी को ठेका दिया गया है वह वर्क आर्डर पर रेलिग तैयार कराकर लगवा रही है। रेलिग का वजन कम होने के साथ इसमें लगाई जा रही पाइप भी टेंडर के नियमों के मुताबिक नहीं है।
-------------- मानीटरिग करने वाला अधिकारी कोरोना पाजिटिव
एनएचएआइ के अंकुश मेहता इन दिनों कोरोना पाजिटिव होने की वजह से होम आइसोलेट है। इस संबंध में लगातार बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। वाट्सएप पर मैसेज किया गया, लेकिन उन्होंने इसका भी जवाब नहीं दिया।
--------------- अंबाला-साहा हाईवे प्रोजेक्ट सिगल इंडिया लि. कंपनी को दिया गया था। यह प्राजेक्ट अंतिम चरण में है। प्रोजेक्ट की मानीटरिग अंकुश मेहता कर रहे हैं और वह कोरोना पाजिटिव है। अगर उन्हीं से बात की जाए तो बेहतर होगा।
असीम बंसल, नेशनल हाईवे अथारिटी अंबाला