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राधा-कृष्ण की जोड़ी न बची शंकर न अघोरी

उमेश भार्गव, अंबाला शहर न शिव शंकर बच सके न अघोरी। राधा-कृष्ण की जोड़ी भी हादसे के बाद जोड़ी नहीं बची।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 01:25 AM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 01:25 AM (IST)
राधा-कृष्ण की जोड़ी न बची शंकर न अघोरी
राधा-कृष्ण की जोड़ी न बची शंकर न अघोरी

उमेश भार्गव, अंबाला शहर

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न शिव शंकर बच सके न अघोरी। राधा-कृष्ण की जोड़ी भी हादसे का शिकार हो गई। जागरण में किसी ने भोलेनाथ बनकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया तो किसी ने अघोरी बनकर तांत्रिक क्रियाएं की। राधा-कृष्ण की मनमोहक जोड़ी की प्रस्तुति ने भी खूब वाहवाही लूटी। लेकिन यह कोई नहीं जनता था कि इन कलाकारों की आज की अंतिम प्रस्तुति है। शुक्रवार अल सुबह मानव चौक स्थित रवि निवास से निकलने के बाद चारों कलाकार सुबह करीब 4:10 बजे पर जैसे ही स्कूटी से अंबाला शहर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ बेटी, अपनाओ की चौक पर पहुंचे तो सामने से तेज गति से आ रहे टिप्पर ने चारों को अपनी चपेट में ले लिया। मौके पर ही तीन ने दम तोड़ दिया जबकि चौथे की टांग कट गई।

केवल त्रिशूल ही बचा बाकि पीछे रह गई यादें..

हादसे के समय एक्टिवा पर सवार चारों दोस्तों में से बीच में बैठे हुए युवक के हाथ में झांकी में भगवान भोलेनाथ के हाथ में पकड़े जाने वाला त्रिशूल था। हादसे के बाद भी यही त्रिशूल चमक रहा था। इस त्रिशूल पर कुछ वस्त्र, मालाएं और मौली इत्यादि बंधे हुए थे। इसी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि चारों किसी कार्यक्रम से आए हैं। दरअसल मानव चौक रवि निवास पर हुए जगराते में झांकियां निकालने के लिए छावनी के एक ग्रुप को जगराता पार्टी ने हायर किया था। इसी ग्रुप में शामिल थे शिवम, धीरज, विकास और विशाल। इनमें से शिवम ही ¨जदा बच सका जबकि अन्य दोस्त एक साथ दुनिया से विदाई ले गए। यही चारों दोस्त जागरण में भोलेनाथ, राधा-कृष्ण और अघोरी बनकर झांकी प्रस्तुत करते थे।


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