पंजाबी के विद्वानों व साहित्कारों ने अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में अपने आलेख प्रस्तुत किए
जीएमएन कॉलेज छावनी में हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी पंचकूला के सहयोग से एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार लगाया गया।
जागरण संवाददाता, अंबाला : जीएमएन कॉलेज छावनी में हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी पंचकूला के सहयोग से एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार लगाया गया। जिसका विषय पंजाबी कविता का वर्तमान व भविष्य था। इसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश के प्रसिद्व विद्वानों व साहित्कार शामिल रहे। डॉ. अमृत रैणा की पुस्तक सिद्व गोष्ठ का भी विमोचन किया गया। अमेरिका से पंजाबी शायर रविद्र सहरा व त्रिलोकबीर और कनाडा से पाल ढिल्लों बतौर मुख्यातिथि रहे। कॉलेज प्राचार्य डा. राजपाल सिंह ने कहा कि पंजाबी एक समृद्ध भाषा है और इसके पास मानवीय उद्गारों को प्रस्तुत करने का सामर्थय है। पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के पूर्व डीन डॉ. जसविद्र सिंह ने विश्व में लिखी जा रही पंजाबी कविता के बारे में विस्तार से उल्लेख किया। हरियाणा पंजाबी साहित अकादमी के निर्देशक गुरविद्र सिंह धमीजा ने कहा कि हरियाणा सरकार पंजाबी भाषा के विकास व उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सुदर्शन गासो ने कहा कि पंजाबी विश्वविद्यालय से डॉ. योगराज अंगीरस ने कहा कि पंजाबी भाषा दुनिया के सभी देशों में फैल चुकी है। अकादमी के उप चेयरमैन डॉ. नरिद्र सिंह विर्क, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. हरसिमरन सिंह रंधावा, दिल्ली से रवि रविद्र, डॉ. पृथ्वीराज थापर, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. अरविद्र कौर काकड़ा, डॉ. तिलक राज, डॉ. जरनैल सिंह, डॉ. अमृत रैणा, मनमोहन सिंह, डॉ. गुरविद्र सिंह, डॉ. परमजीत कौर सिद्वु, प्रकाश सिंह गिल, प्रो. नीलम रानी, शोध विद्यार्थी कादंबरी, प्रो. तिलकराज, डॉ. दविद्र बीबीपुरिया ने भी अपने आलेख प्रस्तुत किए। इस मौके पर डॉ. गीता सालवान, प्रो. सज्जन सिंह, डॉ. रचना खन्ना, डॉ. राजेंद्रा, सतीष मोद्गिल, ब्रजेष कुमार, प्रो. बीके बिदल, डॉ. मंजीत कौर, डॉ. रवनीत कौर, डॉ. अनीश, डॉ. धर्मवीर आदि मौजूद रहे।