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दवाइयों पर लगाया प्रतिबंध, स्टॉक को लेकर दवा विक्रताओं के छूटे पसीने

-ड्रग कंट्रोलर अधिकारी ने जिलेभर के सभी दवा विक्रेताकेंद्र सरकार द्वारा 328 एफडीसी यानी फिक्सड-डोज कंबीनेशन वाली दवाइयों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन सरकार के इन आदेशों से जिले में सभी दवा विक्रेताओं के माथे में शिकन की लकीरें पड़ गई है। क्योंकि सरकार द्वारा इस बारे में अधिसूचना जारी होने के बाद अब जिला स्तर पर ड्रग कंट्रोलर अधिकारी ने भी सभी दवा विक्रेताओं को इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए है। यहां तक की इन सभी दवाओं के स्टॉक को भी तुरंत प्रभाव से खत्म करने बारे कह दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 11:17 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 11:17 PM (IST)
दवाइयों पर लगाया प्रतिबंध, स्टॉक को लेकर दवा विक्रताओं के छूटे पसीने
दवाइयों पर लगाया प्रतिबंध, स्टॉक को लेकर दवा विक्रताओं के छूटे पसीने

-ड्रग कंट्रोलर अधिकारी ने जिलेभर के सभी दवा विक्रेताओं को प्रतिबंधित दवाएं नहीं बेचने के लिए जारी किए आदेश जागरण संवाददाता, अंबाला

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केंद्र सरकार द्वारा 328 एफडीसी यानी फिक्सड-डोज कंबीनेशन वाली दवाइयों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन सरकार के इन आदेशों से जिले में सभी दवा विक्रेताओं के माथे में शिकन की लकीरें पड़ गई है। क्योंकि सरकार द्वारा इस बारे में अधिसूचना जारी होने के बाद अब जिला स्तर पर ड्रग कंट्रोलर अधिकारी ने भी सभी दवा विक्रेताओं को इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए है। यहां तक की इन सभी दवाओं के स्टॉक को भी तुरंत प्रभाव से खत्म करने बारे कह दिया गया है। हालांकि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इनमें से तीन दवाओं पर प्रतिबंध हटने से दवा कारोबारियों को कुछ राहत भी मिली है।

दरअसल सरकार ने इन दवाइयों पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि लंबे समय तक इन दवाइयों को लेने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ही इन पर बैन लगाया गया है। दवाइयों की इस लिस्ट में सबसे पहला सेरिडॉन नाम आता है जिसे अकसर सिरदर्द को दूर करने लिए इस्तेमाल किया जाता है। रिसर्च के मुताबिक ये दवा सिरदर्द को दूर करने के साथ-साथ कई तरह के दुष्प्रभाव डाल रही थी। हालांकि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस दवाई से प्रतिबंध हटा दिया है। वहीं बुखार को ठीक करने के लिए सुमो नामक दवाई का इस्तेमाल किया जाता था। डायबिटीज की एक दवा डायनार्म-एम, त्वचा की सुरक्षा का दावा करने वाली स्किन क्रीम पैंडरम पर भी बैन लगा दिया है। इसके अलावा कुछ एंटीबैटिक के कुछ कंबीनेशन पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं जिन 328 दवाओं पर प्रतिबंध लगाया हैं उनके कंबीनेशन से करीब 6 हजार ब्रेंड की दवाइयां तैयार की जाती थी। इन पर रोक लगाने से दवा कंपनियों को करोड़ों रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा।

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इस तरह से शुरू हुआ विवाद

दरअसल हमारे देश के ज्यादातर लोग बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेते रहते हैं जिसे सेल्फ मेडिकेशन कहा जाता है। इस तरह से दवाइयां लेना शरीर को बहुत कमजोर बना देता है। देश के 10 शहरों के 20 ह•ार लोगों पर किए गये सर्वे के मुताबिक 52 प्रतिशत लोग बिना डॉक्टर की सलाह लिए दवाइयां लेने की बात सामने आई। सेल्फ मेडिकेशन में 31 प्रतिशत दवाएं बुखार, 9 प्रतिशत सिरदर्द और करीब 17 प्रतिशत दवाएं पेट दर्द के लिए ली जाती हैं। इनमें 38 प्रतिशत लोग मेडिकल स्टोर पर जाकर अपनी परेशानी बताकर दवाएं लेते हैं और डॉक्टर के पास कभी नहीं जाते। इसी कारण केंद्र सरकार ने इस तरह की सभी दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया है।


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