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अनाज मंडी बराड़ा में बाहरी राज्यों की धान खरीद, किसानों ने किया प्रदर्शन

कस्बा बराड़ा की अनाज मंडी में बुधवार को धान बेचने आए किसानों ने धान की ब्रिकी न होने के कारण प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि सरकार द्वारा बिना किसी कारण बताए अनाज मंडी में धान की फसल की खरीद बंद कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 10:00 AM (IST)
अनाज मंडी बराड़ा में बाहरी राज्यों की धान खरीद, किसानों ने किया प्रदर्शन
अनाज मंडी बराड़ा में बाहरी राज्यों की धान खरीद, किसानों ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, बराड़ा : कस्बा बराड़ा की अनाज मंडी में बुधवार को धान बेचने आए किसानों ने धान की ब्रिकी न होने के कारण प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि सरकार द्वारा बिना किसी कारण बताए अनाज मंडी में धान की फसल की खरीद बंद कर दी है। आरोप है कि बाहरी राज्यों की धान मंडी में खरीदी जा रही है, जबकि स्थानीय किसान मंडी में धान बेचने का इंतजार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बराड़ा अनाज मंडी में गत 25 अक्टूबर से धान की ब्रिकी बंद पड़ी है। केवल 27 अक्टूबर दीवाली वाले दिन ब्रिकी हुई थी, लेकिन उसके बाद से ही धान की ब्रिकी निरंतर बंद पड़ी है। अनाज मंडी धान की फसल से अटी पड़ी है। अधिकारियों व आढ़तियों के पास धान की खरीद बंद होने का कोई ठोस जवाब नहीं है।

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बाहरी राज्यों से आ रही धान

बराड़ा अनाज मंडी में इस समय यूपी व अन्य राज्यों से धान की आवक जोरों पर है, लेकिन कोई भी अधिकारी व व्यापारी इसका विरोध करने हेतू तैयार नहीं है। साथ लगते राज्यों से सस्ते दामों में धान की फसल की खरीद कर बराड़ा अनाज मंडी में अधिक दामों में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे है। इस बारे में अधिकारी भी जानते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं है। ऐसे में मंडी में धान की खरीद बंद पड़ी है, जबकि बाहर से आए धान को लोकल लेवल पर खरीदा जा रहा है। इसी पर भड़के किसानों ने प्रदर्शन भी किया।

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यह कहते हैं किसान

प्रदर्शन कर रहे किसानों अमरीक सिंह, जितेंद्र, नरेश, राजिद्र, धर्मपाल व दवेंद्र सिंह आदि ने कहा कि मंडी में बाहरी राज्यों का धान आ रहा है, जिस कारण स्थानीय किसानों का धान नहीं बिक रहा है। अगर सरकार व विभाग बाहरी धान पर रोक लगा दे तो स्थानीय किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। रोजाना सैकड़ों किसान हजारों क्विटल धान लेकर मंडियों में पहुंच रहे है। मंडियों के शेड, फड़ व गेट धान से अटे पड़े हैं। हर पल मौसम के तेवर बदलने से मंडी में खुले में पड़े धान व खेत में खड़े तथा पड़े धान को लेकर किसान की चिता बढऩा स्वभाविक है। धान की सरकारी खरीद अचानक बंद होने से आर्थिक संकट में घिरे किसानों में रोष बढ़ रहा है। इससे क्षेत्र के किसान लामबंद होने लगे हैं तथा बड़े आंदोलन के लिए विवश हो रहे हैं।

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किसी भी राज्य का किसान बेच सकता है फसल : सचिव

मार्केट कमेटी बराड़ा के सचिव दयाल राम ने कहा कि जल्द ही धान की खरीद शुरू कर दी जाएगी। बराड़ा अनाज मंडी में बाहरी राज्यों की धान की खरीद का मामला है। कोई भी व्यक्ति चाहे व किसी भी राज्य का निवासी हो अपनी फसल मंडी में लाकर बेच सकता है। इसके लिए अलग से अन्य राज्यों की फसल का रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

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फोटो नंबर :: 17

किसानों की फसल न खरीदना सरकार की नाकामी : वरुण

हलका मुलाना के विधायक वरुण चौधरी ने कहा कि किसानों की फसल की खरीद न हो पाना सरकार की नाकामी है। मंडी में अगर बाहरी राज्यों से धान की फसल आ रही है, तो सरकार को चाहिए वहां की मंडियों में भी वैसी व्यवस्था की जाए। प्रदेश सरकार को बाहरी राज्यों के किसानों की फसल की खरीद की बजाए स्थानीय किसानों की फसल की खरीद को तवज्जो देनी चाहिए। इसके अलावा सरकार को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि किसानों की समस्याओं को दूर किया जा सके।


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