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अंबाला में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से कूड़ा अलग करने की प्रक्रिया शुरू

गांव पटवी का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट 12 साल बाद आसपास के लोगों को राहत मिलती दिख रही है। इस प्लांट में डंप किए गए कूड़े को अलग करने का काम शुरू किया जा चुका है जबकि गीले कचरे से खाद बनाना भी शुरू किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 07:55 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 07:55 AM (IST)
अंबाला में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से कूड़ा अलग करने की प्रक्रिया शुरू
अंबाला में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से कूड़ा अलग करने की प्रक्रिया शुरू

संवाद सहयोगी, शहजादपुर : गांव पटवी का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट 12 साल बाद आसपास के लोगों को राहत मिलती दिख रही है। इस प्लांट में डंप किए गए कूड़े को अलग करने का काम शुरू किया जा चुका है, जबकि गीले कचरे से खाद बनाना भी शुरू किया गया है। वर्षो तक यहां पर कूड़ा डंप किया जाता रहा, जिससे आसपास के क्षेत्रों में लोग परेशान हो चुके थे। बीते कुछ माह से यहां पर कूड़े से प्लास्टिक कचरा अलग किया जा रहा है, जबकि गीला कचरा आसपास के उन सेंटरों पर भेजा जा रहा है, जहां पर जैविक खाद बनाने का काम किया जा रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में लगे कूड़े के ढेरों से राहत मिल सकती है।

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दूसरी ओर अलग किए गए प्लास्टिक कचरे को भी प्रदेश के विभिन्न पावर प्लांटों में भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2008 में तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री कुमारी सैलजा ने इस प्लांट का शुभारंभ किया था, लेकिन कुछ माह चलने के बाद यह बंद हो गया, जो करीब बारह साल तक ठप रहा। यहां पर करोड़ों रुपये की मशीनरी भी कूड़ा हो चुकी है।

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यह कहते हैं लोग

गांव पटवी के गुरविन्द्र सिंह, अमरजीत सिंह आदि का कहना है कि उनके गांव से पूर्व की दिशा में कूड़ा प्लांट है। करीब 12 साल पहले यहां पर लाखों की कीमत की मशीनरी लगाई गई, जबकि कूड़े से खाद आदि बनाने की योजना थी। कुछ माह यह प्लांट चला, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते यह बंद हो गया।

-------------- यहां पर कुछ माह से कूड़ा अलग करने का काम शुरू किया गया है। इसमें प्लास्टिक को अलग किया जा रहा है, जबकि यह कचरा पावर प्लांट तक भेजा जाएगा। इसके अलावा गीला कचरा भी खपाया जा रहा है, जो क्षेत्र के कुछ सेंटरों तक पहुंचा रहे हैं। इन सेंटर में जैविक खाद बनाई जा रही है। फिलहाल यहां पर अंबाला शहर से ही कूड़ा लाया जा रहा है, जबकि अंबाला कैंट व नारायणगढ़ से कूड़ा नहीं आता।

- मनोज कुमार, सुपरवाइजर पीसीसी कंपनी


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