कागजों में हो रही गश्त, धरातल पर नहीं पहुंचता कोई कर्मी
छावनी के महेश नगर क्षेत्र स्थित दयाल बाग में महज कागजों में पुलिस की गश्त चल रही है जबकि धरातल पर सचाई यह है कि पुलिस का कोई भी जवान पीड़ित के घर पर गश्त ही नहीं कर रहा है। इसके पीड़ित के पास पुख्ता सबूत हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के महेश नगर क्षेत्र स्थित दयाल बाग में महज कागजों में पुलिस की गश्त चल रही है, जबकि धरातल पर सच्चाई यह है कि पुलिस का कोई भी जवान पीड़ित के घर पर गश्त ही नहीं कर रहा है। इसके पीड़ित के पास पुख्ता सबूत हैं। क्योंकि घर पर लगाई गई सीसीटीवी में करीब दस दिन के दौरान भी कोई कर्मी गश्त नहीं करने पहुंचा। ऐसे में पीड़ित ने सीआइसी (केंद्रीय सूचना आयोग) को शिकायत कर दी।
बता दें कि खेलों में भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए दयाल बाग निवासी दीपक संधू ने आरटीआई से कई अहम जानकारियां जुटाई हुई हैं और कई सूचनाओं की अभी पेड़िग है। सूचना मांगने पर दीपक को धमकियां मिली हैं। पीड़ित ने धमकियों की सूचना सीआइसी दिल्ली को दे दी थी। जिस पर 8 मई 2018 को सुरक्षा मुहैया करवाई गई थी। सीआइसी ने हरियाणा डीजीपी की सुरक्षा को लेकर ड्यूटी लगाई गई थी। इसके बाद डीजीपी ने 4 मई 2018 को एसपी को पत्र के जरिये सूचित कर दिया गया था। अंबाला एसपी ने सुरक्षा के लिए एक पीसीआर और दो राइडर की ड्यूटी लगाई थी। इतना ही नहीं डीजीपी ने एसपी को आदेश दिए थे कि सुरक्षा को लेकर हर सप्ताह निजी तौर पर रिपोर्ट दी जाए। लेकिन इसके बाद पुलिस ने मामले को खटाई में डालना शुरू कर दिया और कागजों में पुलिस की गश्त जारी रही और धरातल पर सुरक्षा के नाम पर कोई कर्मी मौके पर नहीं पहुंच रहा था। मामले को लेकर संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस को भी गुहार लगाई। लेकिन कोई असर नहीं हुआ। हालांकि पीड़ित दीपक ने जान का खतरा होने पर अपने घर पर चार सीसीटीवी लगाए हुए हैं। इसके बाद पीड़ित ने 16 फरवरी से लेकर 25 फरवरी तक का सीसीटीवी रिकॉर्ड एकत्रित किया और मामले में लापरवाही बरतने पर केंद्रीय सूचना आयोग को पहले 4 और बाद में 12 मार्च को दोबारा शिकायत कर दी। दीपक संधू ने प्रदेश सरकार और डीजीपी से मांग की है कि उसे जान का खतरा है और सुरक्षा दी जाए।
वर्जन
पुलिस की ओर से सुरक्षा दी हुई है, कर्मी उसके घर के आगे से गुजर रही गली में राउंड करके आते हैं और उससे बात भी करके आते हैं।
-अजैब सिंह, एसएचओ, महेश नगर थाना