एक्साइज एरिया की दुकानों का मालिकाना हक देने की योजना, दुकानदार बोले-मिलनी चाहिए राहत
छावनी के एक्साइज एरिया में लीज की दुकानों का किरायेदारों को मालिकाना हक देने के लिए सरकार ने भले ही नोटिफिकेशन जारी कर दिए हो लेकिन योजना में शतप्रतिशत लोगों को लाभ देने में पेच फसा है।
जागरण संवाददाता, अंबाला :
छावनी के एक्साइज एरिया में लीज की दुकानों का किरायेदारों को मालिकाना हक देने के लिए सरकार ने भले ही नोटिफिकेशन जारी कर दिए हो, लेकिन योजना में शतप्रतिशत लोगों को लाभ देने में पेच फसा है। कंटेनमेंट बोर्ड अथवा नगर परिषद की 20 साल से ज्यादा पुरानी किराए की दुकानों को किराएदारों के नाम ट्रांसफर करने के लिए प्रदेश सरकार ने घोषणा की थी। घोषणा के बाद सैकड़ों दुकानों के किराएदारों ने दुकानें अपने नाम ट्रांसफर करने के लिए नगर परिषद में आवेदन किए थे, मगर सरकारी घोषणा का अब तक इन दुकानदारों को लाभ नहीं मिला है। एक जून 2020 से लीज प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने की घोषणा के बाद दुकानदारों में फिर से आस जगी। नगर परिषद में 56 दुकानदारों ने अपनी फाइल करीब डेढ़ वर्ष पहले जमा कराने चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें दुकानों का मालिकाना हक नहीं मिल सका है। मालिकाना हक मिलने में हो रही देरी को देखते हुए 54 दुकानदारों ने परिषद कार्यालय में आवेदन ही नहीं किया। आवेदन नहीं करने वाले दुकानदारों को प्रशासन की लीज ब्रांच की तरफ से नोटिस दिए जाने के बाद मामला एक बार फिर गरम हो गया। दुकानदारों ने कहा कि मिलनी चाहिए राहत, प्रदेश के गृह मंत्री से मिलकर करेंगे फरियाद। फाइलें जमा करवा चुके, अब जल्द राहत मिलनी चाहिए
नप के राय मार्केट में दुकान नंबर 53 के किराएदार ने कहा कि किराएदार हैं। दुकान को अपने नाम ट्रांसफर करने के लिए उन्होंने नगर परिषद में आवेदन किया था। मगर इसके बाद नप की ओर से कोई जानकारी नहीं मिल। अब नई घोषणा के बाद कुछ उम्मीद जगी है।
मंजीत सिंह, राय मार्केट अंबाला छावनी। 1982 में कराई रजिस्ट्री अब फिर करानी होगी रजिस्ट्री
रेलवे रोड के किराएदार ने कहा कि वह दुकान नंबर 225 और 232 के किराएदार हैं। पहले 1982 में रजिस्ट्री कराई, इसके बाद तहसील से कहा गया कि आपने मलवे की रजिस्ट्री कराई है, अब जमीन की भी रजिस्ट्री करानी होगी। ऐसे में सरकार ने एक ही जगह की दो बार रजिस्ट्री कराना चाह रही है। पहले फाइल नगर परिषद में जमा कराई थी ताकि दुकान उनके नाम ट्रांसफर हो सके।
रमेश चंद्र, रेलवे रोड अंबाला छावनी।