मरीज की जान से खिलवाड़, बिना ईएमटी के ही कर दिया पीजीआइ रेफर
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के नागरिक अस्पताल में ईएमटी के कारण मरीजों की जान
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के नागरिक अस्पताल में ईएमटी के कारण मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का मंगलवार को एक ओर बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस कर्मियों द्वारा कोई नशीले पदार्थ खाए गए एक युवक को अस्पताल में दाखिल करवाया गया, लेकिन डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के ही उसे गंभीर हालत होने के कारण चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया। लेकिन मरीज को जिस एंबुलेंस में पीजीआइ ले जाया गया, उसमें से ड्यूटी पर कार्यरत ईएमटी कर्मी ही नहीं था। ईएमटी नहीं होने के कारण पहले तो मरीज काफी देर रात रेफर के लिए माइनर ओटी में स्ट्रेचर पर तड़पता रहा। लेकिन करीब पौने घंटे तक जब कर्मी नहीं आया तो एंबुलेंस चालक हालत गंभीर होने के कारण मरीज को पीजीआइ लेकर रवाना हो गया।
हुआ यूं कि नेशनल हाइवे पर कालीपलटन पुल के नजदीक ही करीब 25 साल का एक युवक बेसुध पड़ा था। किन्हीं अज्ञात लोगों ने उसे कोई नशीला पदार्थ देकर उसका पर्स व मोबाइल भी ले गए। सूचना मिलते ही नेशनल हाइवे की एक एंबुलेंस मौके पर पहुंची और युवक को अस्पताल में पहुंचाया, लेकिन उसके पास कोई दस्तावेज नहीं होने के कारण उसका कोई नाम पता मालूम नहीं हो सका। ऐसे में डॉक्टर ने युवक को कोई सुध नहीं होने के कारण उसे पीजीआइ रेफर कर दिया। युवक को रेफर करने के लिए बाहर एंबुलेंस खड़ी हो गई परंतु ईएमटी कर्मी अपनी ड्यूटी से ही नदारद था। जब काफी देर तक भी ईएमटी नहीं आया तो युवक को लेकर अकेले एंबुलेंस चालक ही पीजीआइ रवाना हो गया। अगर ऐसे में मरीज को बीच रास्ते में कोई दिक्कत हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। जबकि कुछ दिन पूर्व खुद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी एंबुलेंस चालक व ईएमटी की हाजिरी का रजिस्टर तक चेक करके इन्हें हर समय ड्यूटी पर तैनात रहने के लिए आदेश दिए थे।
पहले हो चुकी मरीजों की मौत
बिना ईएमटी के एंबुलेंस में मरीजों को लेकर पहले भी कई मामले हो चुके हैं। दो मामलों में तो एंबुलेंस में कोई ईएमटी नहीं होने के कारण हादसों में घायल हुए दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।