सरकारी अस्पताल में डाक्टर के इंतजार में घंटों बैठे रहे मरीज
जागरण लाइव फोटो 1 से 4 तक - ओपीडी का कार्ड बनवाने के बाद डाक्टर रूम के बाहर क
जागरण लाइव फोटो : 1 से 4 तक - ओपीडी का कार्ड बनवाने के बाद डाक्टर रूम के बाहर करना पड़ा इंतजार
- लैब में 12 बजे के बाद नहीं लिए गए जांच के लिए सैंपल, मायूस लौटे लोग
जागरण संवाददाता, अंबाला : कैंट के सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए सोमवार को पहुंचे मरीजों के सामने डाक्टर का इंतजार करना परीक्षा की घड़ी साबित हुई। इलाज से पहले आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) का पंजीकरण कार्ड बनवाने और उसके बाद डाक्टर के पास नंबर आने के लिए घंटो लाइन में लगना पड़ा। डाक्टर रूम के बाहर मरीजों के लिए रखी कुर्सियां भी कम पड़ गई। कोरोना को लेकर बनाए गए शारीरिक दूरी के नियम अस्पताल की ओपीडी बिल्डिग में टूटते नजर आते हैं।
-----------------
शारीरिक दूरी के नियम का नहीं हुआ पालन
अस्पताल के एक्स-रे रूम के बाहर मरीजों की भारी भीड़ रही। इनडोर पेशेंट डिपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित एक्स-रे कक्ष के कंप्यूटर पर काम करने वाला कर्मचारी बिना मास्क के काम करते मिला। एक्स-रे कराने की जल्दबाजी में भीड़ लगाए लोग कोरोना के बनाए गए नियम को भूलते नजर आए।
--------------------
700 पार हुई ओपीडी
दो दिन की छुट्टी के बाद कैंट सिविल अस्पताल की ओपीडी 700 पार हो गई। इसमें 460 पुरानी और बाकी नए कार्ड बनाए गए। इसमें सर्वाधिक मरीज मेडिसिन और फिजीशियन के चिकित्सक की रही। गर्भवती महिलाओं की जांच और चिकित्सक के परामर्श के लिए भी आम दिनों की तुलना में मरीजों की संख्या अधिक रही।
---------------------
फोटो : 1
सरकारी अस्पताल में आम लोगों को इलाज कराना बड़ा मुश्किल काम है। यहां मरीजों के कार्ड तो जमा है लेकिन नंबर आने में डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है। कुछ मरीज ऐसे भी हैं जो सुबह से अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं।
- विजय कुमार, रजौली।
------------
फोटो : 2
डाक्टर तो बैठे हैं लेकिन भीड़ इतनी अधिक है कि यहां एक घंटे से पहले किसी भी मरीज का नंबर नहीं आ रहा है। यहां मरीजों के बैठने के लिए कुर्सियां भी कम पड़ने लगी है। अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि यहां पर मरीजों की संख्या को देखते हुए चिकित्सक भी बढ़ाएं।
- नीलम, छप्पर यमुनानगर।
--------------
फोटो : 3
पहले कार्ड बनवाने में एक घंटा अब डाक्टर रूम के बाहर आधे घंटे से नंबर आने का इंतजार कर रहा हूं। यह समस्या हर बार की रहती है। यहां पर डाक्टर तो बैठते हैं, लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने से यहां घंटो इंतजार करना पड़ता है।
- दर्शनी, बब्याल।