माता-पिता के थ्री डी टैटू गुदवा प्यार जता रहे युवा
जागरण संवाददाता, अंबाला: शरीर पर थ्री डी टैटू गुदवाने का युवाओं में ट्रैंड सा चल गया है।
जागरण संवाददाता, अंबाला: शरीर पर थ्री डी टैटू गुदवाने का युवाओं में ट्रैंड सा चल गया है। फिल्मों में अभिनेता व अभिनेत्रियों सहित क्रिकेटर को देखा-देखी में ट्विन सिटी की युवतियां भी टैटू की दीवानी बनती जा रही हैं। कोई इन टैटू का इस्तेमाल स्टाइलिश दिखने के लिए कर रहा है तो कोई टैटू के जरिए अपने प्यार का इजहार कर रहा है। चाहे वह माता-पिता से हो या फिर अपने जीवन साथी से। युवाओं में टैटू गुदवाने की खुमारी इस कद्र है कि शरीर पर एक-एक फीट तक के टैटू गुदवा रहे हैं। युवाओं की पहली पसंद धार्मिक टैटू बनते जा रहे हैं। टैटू गुदवाते समय होने वाला दर्द भी युवाओं का मोह कम नहीं कर पा रहा। आई लव माई मॉम डैड और त्रिशुल का क्रेज
प्रोफेशनल आर्टिस्ट दीपक पासी (डीके) ने बताया कि शरीर पर टैटू बनवाते समय केवल स्टाइलिश दिखने का क्रेज था। फिर चाहे कोई भी टैटू बनवा लें। समय के साथ अब युवाओं में प्रेम प्रदर्शन वाले व धार्मिक टैटू को ज्यादा पसंद किया जा रहा। इन टैटू में डमरू, शिव, त्रिशूल अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम का टैटू बनवाना पसंद कर रहे हैं। महिलाएं भी टैटू को श्रृंगार के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। जो हाथों में ब्रेसलेट और चूड़ियां, पैरों में पायल की जगह, तरह-तरह की डिजाइन बनवा रही हैं।
------ एक से 20 हजार रुपये तक के बन रहे टैटू
टैटू गुदवाने की चाह में युवा इनकी कीमतों को अनदेखा कर रहे हैं। बाजारों में प्रोफेसनल आर्टिस्ट द्वारा मशीनों के जरिए पूरी सावधानी बरतते हुए टैटू तैयार किए जा रहे हैं। जिनकी कीमत एक से लेकर 20 हजार रुपये तक रखी हुई है। महिलाओं में जहां छोटे टैटू बनाने का क्रेज है तो वहीं युवक बड़े-बड़े टैटू बनवा रहे हैं। गो¨बद नगर के पास आर्टिस्ट दीपक पासी का कहना है कि टैटू का चलन बहुत पुराना है। एक समय था आदिवासी समुदाय खास तौर पर अपने शरीर में विशेष निशान बनवाते थे। जो उनके कबीले का प्रतीक होता था। टैटू का उपयोग इलाज के लिए भी किया जाता था। इन दिनों बॉडी टैटू ट्रैंड बन चुका हैं।