फीस अधिक वसूलने पर तीन घंटे अभिभावकों का हंगामा
अंबाला छावनी के मेजर आरएन कपूर डीएवी स्कूल में फीस अधिक लेने के आरोप में अभिभावकों ने करीब तीन घंटे तक हंगामा किया। अभिभावकों ने कहा स्कूल पूरी फीस और वार्षिक चार्ज ले रहा है जबकि स्कूल प्रिसिपल ने आरोपों को खारिज कर दिया।
जागरण संवाददाता, अंबाला: अंबाला छावनी के मेजर आरएन कपूर डीएवी स्कूल में फीस अधिक लेने के आरोप में अभिभावकों ने करीब तीन घंटे तक हंगामा किया। अभिभावकों ने कहा स्कूल पूरी फीस और वार्षिक चार्ज ले रहा है जबकि स्कूल प्रिसिपल ने आरोपों को खारिज कर दिया। अभिभावकों ने मांगों को लेकर नारेबाजी की। इस दौरान स्कूल प्रबंधक और अभिभावकों के बीच काफी नोकझोंक हुई। जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद प्रिसिपल और अभिभावकों के बीच बातचीत हुई, लेकिन दोनों पक्ष खुद को ठीक बता रहे थे।
उधर, अभिभावक प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के आवास पहुंचे, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बावजूद फीस अधिक लेने की बात कही जा रही है। उधर, स्कूल प्रबंधक का कहना है कि हम हाईकोर्ट और सरकार के गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है।
अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चे अंबाला छावनी में सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन सरकारी आदेशों के अनुसार स्कूल प्रशासन केवल सिर्फ ट्यूशन फीस ले सकता है। मगर स्कूल प्रशासन पूरी फीस वसूल रहा है। वार्षिक चार्ज अलग-अलग कक्षाओं के हिसाब से 2450 से 10000 रुपये तक है। अभिभावकों ने गुहार लगाई की स्कूल प्रशासन निर्देशों के अनुसार ही फीस लें।
--------------- अभिभावकों द्वारा लगाए गए आरोप गलत है। हमारे स्कूल में किसी तरह का हंगामा नहीं हुआ। हाईकोर्ट और डायरेक्टर ऑफ एजूकेशन की गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है।
आरपी राठी,प्रिसिपल, मेजर आरएन कपूर डीएवी विद्यालय अंबाला छावनी
----------------- हम जिला शिक्षा पदाधिकारी से भी मिल चुके हैं। उन्होंने भी स्कूल प्रबंधक को पत्र लिखा, बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ।
अमिता, अभिभावक
---------- जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्कूल प्रबंधक को पत्र लिखा कि वह सरकारी आदेशों का पालन करेंगे। अतिरिक्त फीस बिल्कुल नहीं लेंगे।
पंकज, अभिभावक
------------ हम लोग करीब एक महीने से फीस को लेकर चक्कर काट रहे हैं। लॉकडाउन में बच्चे स्कूल नहीं गए। हम गृहमंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे।
भूपेंद्र सिंह, अभिभावक
--------------- स्कूल प्रबंधक किसी की कुछ बात सुनने को बिल्कुल तैयार नहीं है। हाईकोर्ट और सरकारी आदेशों को भी नहीं मान रहे।
वंदना, अभिभावक