पप्पू कुमार मर्डर केस : लाई डिटेक्शन टेस्ट की मिली मंजूरी, तारीख का इंतजार
संवाद सहयोगी मुलाना करीब दो साल पहले पप्पू कुमार की मौत का सच जानने के लिए पुलिस को लाई डिटेक्शन टेस्ट की मंजूरी मिल गई है। अब इंतजार किया जा रहा है कि मधुबन फोरेंसिक लैब से क्या तिथि तय होती है। इस मामले में कुछ अन्य छात्रों के जहां बयान लिए जा चुके हैं वहीं पुलिस इस मामले की गुत्थी को सुलझाने के लिए टेस्ट का सहारा ले रह है।
संवाद सहयोगी, मुलाना : करीब दो साल पहले पप्पू कुमार की मौत का सच जानने के लिए पुलिस को लाई डिटेक्शन टेस्ट की मंजूरी मिल गई है। अब इंतजार किया जा रहा है कि मधुबन फोरेंसिक लैब से क्या तिथि तय होती है। इस मामले में कुछ अन्य छात्रों के जहां बयान लिए जा चुके हैं, वहीं पुलिस इस मामले की गुत्थी को सुलझाने के लिए टेस्ट का सहारा ले रह है।
चार माह बीत जाने के बाद भी कोई ठोस सुबूत हासिल नहीं हो सका, तो अब पुलिस लाई डिटेक्शन टेस्ट से केस सुलझाने की कोशिश में हैं। पुलिस के लिए ब्लाइंड मर्डर बन चुका यह केस इस टेस्ट की रिपोर्ट पर टिका है। इसके बाद यह मर्डर केस किस दिशा में जाएगा कहा नहीं जा सकता। यह है केस
17 मार्च 2018 को एमएम अस्पताल मुलाना में छात्र पप्पू कुमार निवासी आमरापारा बाजार जिला पाकड़ू राज्य झारखंड को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। पुलिस को दिये बयान में पप्पू के सहपाठियों के ने बताया था कि वे एक स्वीट हाउस पर गुलाब जामुन व समोसा खाकर आए थे, इसके बाद पप्पू कुमार की तबीयत रात में बिगड़ गई। अगले दिन स्थानीय डॉक्टर से दवा ली, लेकिन हालत नहीं सुधरी, तो एमएम अस्पताल लाए। यहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस में पुलिस ने अपनी कार्रवाई कर दी थी। बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि एल्यूमीनियम फॉस्फाइड डिटेक्ट किया गया। इसके बाद ही पुलिस ने 27 अगस्त 2019 को हत्या का केस दर्ज किया। वर्जन-
लाई डिटेक्शन टेस्ट की मंजूरी मिल चुकी है। यह टेस्ट मधुबन फोरेंसिक लैब में होना है। वहां से तारीख का इंतजार किया जा रहा है। मृतक के सहपाठियों का टेस्ट होगा, जिसकी औपचारिकताएं पूरी की गई हैं।
- हरभजन सिंह, एसएचओ, मुलाना थाना