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मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना में मात्र 111 पंजीकरण

नगर निगम द्वारा स्वयं के स्वामित्व वाली किराये पर दी गई 844 दुकानों में से ऐसे दुकानदारों जो 20 साल से अधिक अवधि से व्यापार संचालित कर रहे हैं को दुकान का पूर्ण स्वामित्व में देने को चलाई गई मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना में प्राप्त आवेदनों की संख्या बेहद कम है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 08:32 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 08:32 PM (IST)
मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना में मात्र 111 पंजीकरण

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: नगर निगम द्वारा स्वयं के स्वामित्व वाली किराये पर दी गई 844 दुकानों में से ऐसे दुकानदारों जो 20 साल से अधिक अवधि से व्यापार संचालित कर रहे हैं को दुकान का पूर्ण स्वामित्व में देने को चलाई गई मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना में प्राप्त आवेदनों की संख्या बेहद कम है। इसका कारण 100 से अधिक दुकानदारों पर कई वर्षाें से बकाया चल रहे किराये को माना जा रहा है। एक जुलाई 2021 से आनलाइन पंजीकरण के माध्यम से प्राप्त विभागीय आंकड़ों के अनुसार योजना में अभी तक मात्र 111 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। प्राप्त आवेदनों की फाइलों में से कुछ दुकानों का भौतिक सत्यापन जिसमें दुकान का मापन लंबाई और चौड़़ाई की गणना की गई है हुआ है। हालांकि विभाग की ओर से जल्द ही प्राप्त आवेदनों के आधार पर योजना में शामिल होने के इच्छुक दुकानदारों को लाभ देने के लिए बेहतर और तेजी से अमल में लाई जा सकने वाली योजना बनाने की बात कही जा रही है।

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कम आवेदनों का यह है कारण

जानकारी के अनुसार अधिकतम निगम की 100 से भी अधिक दुकानों पर काफी समय से किराया शेष है। जिसके क्रम में निगम द्वारा किराया वसूली के लिए सीलिग अभियान चलाकर कार्रवाई की गई है। जिला निगम आयुक्त अमन ढांडा ने सील की गई दुकानों के दुकानदारों को स्पष्ट कर दिया है कि वह पहले कुल बकाये का 30 प्रतिशत जमा करा दें। इसके बाद दुकानों पर निगम की फाइलों में दर्ज किराये को संशोधित करने की प्रक्रिया अपनाई जायेगी और पूरा किराया जमा करने के बाद ही सील खोलने और स्वामित्व योजना के आवेदन भरवाये जा सकेंगे।


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