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धरने का तीसरा दिन, कैंटोनमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष और पार्षदों ने बनाई दूरी

तोपखाना परेड में धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। करीब 200 परिवार धरने पर बैठने पर प्रशासन या सरकार की ओर से फिलहाल कोई सुनवाई आम जनता की नहीं की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 05:33 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 12:37 AM (IST)
धरने का तीसरा दिन, कैंटोनमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष और पार्षदों ने बनाई दूरी
धरने का तीसरा दिन, कैंटोनमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष और पार्षदों ने बनाई दूरी

जागरण संवाददाता, अंबाला : तोपखाना परेड में धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। करीब 200 परिवार धरने पर बैठने पर प्रशासन या सरकार की ओर से फिलहाल कोई सुनवाई आम जनता की नहीं की गई है। इसके अलावा कैंटोनमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष और पार्षदों ने भी इस धरने से दूरियां बना ली है। लोगों का कहना है कि यह धरना अनिश्चितकालीन है और जब तक उनका हक नहीं मिलेगा तब तक वह इसी तरह से धरने पर बैठे रहेंगे। इस धरने का परेड के लोगों ने मालिकाना हक जनसभा का नामक दिया है। पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों ने कहा कि परेड और साथ लगते एरिया में करीब 15 सौ परिवार हैं जिन पर कैंटोनमेंट बोर्ड अपना हुकुम अंग्रेजों की तरह तानाशाही तरीके से चलाता है। करीब 10 हजार ही आबादी बोर्ड के अधिकारियों की मनमानी का दंश झेल रही है। यहां पर जनता को कोई नोटिस नहीं दिया जाता। उलटा यहां पर लोगों की बिना सुने ही मकान गिरा दिए जाते हैं। इसीलिए जनता में रोष की स्थिति बनी है। लोगों ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार और कैंटोनमेंट बोर्ड ने जल्द ही हमारी सुनवाई नहीं की तो उनका धरना भूख हड़ताल में बदल जाएगा। इसकी जिम्मेदारी बोर्ड और सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों एक बार खुद आकर एक-एक घर का हाल पूछे तो पता चलेगा कि उनका परिवार किस तरह से एक या दो कमरों में गुजर बसर कर रहा है। यहां पर आमदनी का जरिया भी फल-फूल और सब्जियां है। इसीलिए यहां के लोगों की आíथक स्थिति काफी खस्ताहाल है।

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