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हुडा के खाली प्लॉटों पर 31 मार्च तक 50 फीसद निर्माण जरूरी, लगेगी एक्सटेंशन फीस

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर हुडा के सेक्टरों में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो प्रापट

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 01:32 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 01:32 AM (IST)
हुडा के खाली प्लॉटों पर 31 मार्च तक 50 फीसद निर्माण जरूरी, लगेगी एक्सटेंशन फीस
हुडा के खाली प्लॉटों पर 31 मार्च तक 50 फीसद निर्माण जरूरी, लगेगी एक्सटेंशन फीस

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर

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हुडा के सेक्टरों में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो प्रापर्टी में उछाल की उम्मीद के चलते प्लॉटों को खाली छोड़े हुए हैं। हालांकि, अब इन प्लॉट धारकों की मुश्किल बढ़ने वाली है हुडा के खाली प्लॉटों पर 31 मार्च तक 50 फीसद निर्माण पूरा कर विभाग से आक्यूपेशन सर्टिफिकेट लेना होगा। इतना ही नहीं जिन लोगों ने एक्सटेंशन फीस से बचने के लिए 25 फीसद प्लॉट बनाकर छोड़े हुए हैं उन्हें भी निर्माण 50 फीसद करना होगा। ऐसा नहीं करने की सूरत में दोनों पर ही एक्सटेंशन फीस का डंडा चलना तय है। महत्वपूर्ण यह है कि सरकार ने 50 फीसद तक प्लॉट बनाने के लिए 30 जनवरी 2017 को आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद अभी भी प्लॉट धारक योजना को लेकर गंभीर नहीं हैं। हुडा के पांचों सेक्टरों में ऐसे सैकड़ों प्लॉट हैं जो खाली हैं या फिर 25 फीसद बनाकर छोड़े हुए हैं। इन प्लॉटों के निर्माण को लेकर अभी कोई हलचल नहीं है।

अब देखना होगा कि अगले करीब अढ़ाई माह के दौरान हुडा के अफसर इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और निर्माण में कितनी तेजी आएगी। अलबत्ता सेक्टरों में विशेषकर 25 फीसद तक बने प्लॉटों से बा¨शदे बेहद परेशान हैं। जो कि नशेड़ियों व असामाजिक कार्यों का अड्डा बने हुए हैं। इन प्लॉटों में न केवल जंगली घास व भांग के पौधे उगे हैं बल्कि सेक्टरवासी खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं।

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12 साल बाद दोगुनी हो जाती है एक्सटेंशन फीस

- हुडा के सेक्टरों में जो लोग प्लॉट बनाने के बजाय खाली छोड़ देते हैं उनसे प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से एक्सटेंशन फीस वसूली जाती है। जो लोग प्रापर्टी खरीद कर छोड़ देते हैं वह एक्सटेंशन फीस से बचने के लिए 25 फीसद निर्माण के नाम पर दोयम दर्जे के दो कमरे बनाकर छोड़ दिया करते थे। चूंकि, यह शर्त अब 50 फीसद निर्माण की हो गई है तो उन्हें अब एक्सटेंशन फीस देनी पड़ेगी। यह फीस 12 साल बाद 11वें साल में ली गई एक्सटेंशन फीस की दोगुनी वसूल की जाती है। इसके बाद हर साल इसी फार्मूले से फीस ली जाती है। यह अलाटमेंट के 2 साल बाद शुरू हो जाती है। अलग अलग शहरों में भूमि के रेटों के मुताबिक हुडा ने हाइपर पोटेंशियल, हाई पोटेंशियल, मीडियम पोटेंशियल, लो- पोटेंशियल के चार स्लैब बनाए हुए हैं। इन 12 सालों को आगे तीन तीन साल की स्लैब में बांटा हुआ है।अंबाला की गिनती मीडियम-पाटेंशियल जोन वाले शहरों में आती है। जिसमें पहले तीन सालों के लिए 20 फीसद एक्सटेंशन फीस, चौथे साल से छठे साल तक के दूसरे स्लैब में 30 फीसद, तीसरे स्लैब में सातवें से नौवें साल तक 40 फीसद, चौथे स्लैब में 10 से 12 वें साल तक 75 फीसद एक्सेंटशन फीस है। इसके बाद हर साल दोगुना वसूली जाती है। 100 गज तक के प्लाटों पर तीसरे साल में 10 फीसद एक्सटेंशन फीस ली जाती है। जो कि 12वें साल में 25 फीसद तक बनती है।

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फाइल चार, करीब पौने सात।


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