जिला खेल महाकुंभ के बाद अब पहलवानों को इंतजार अखाड़ा प्रतियोगिता का
जिला खेल महाकुंभ समाप्त होने के बाद अब रेसलिग खिलाड़ियों की नजरें जिला अखाड़ा प्रतियोगिता पर हैं। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कुछ अखाड़ों में तो मल्टीजिम व रेसलिग मैट की सुविधा दी गई है लेकिन ऐसे कई अखाड़े हैं जिन तक यह सुविधा अभी पहुंची नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, अंबाला : जिला खेल महाकुंभ समाप्त होने के बाद अब रेसलिग खिलाड़ियों की नजरें जिला अखाड़ा प्रतियोगिता पर हैं। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कुछ अखाड़ों में तो मल्टीजिम व रेसलिग मैट की सुविधा दी गई है, लेकिन ऐसे कई अखाड़े हैं, जिन तक यह सुविधा अभी पहुंची नहीं हैं। माना जा रहा है कि जनवरी में इसकी तिथि आ सकती है, जबकि अखाड़ों में इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुई जिला खेल महाकुंभ के बाद अब पहलवानों को प्रतियोगिता में उतरने का मौका सीधे जिला कुमार व केसरी प्रतियोगिता में ही मिलेगा। इसके लिए करीब दो माह का समय शेष बचा है। इसी को लेकर पहलवानों ने अपने अखाड़ों में प्रैक्टिस शुरू कर दी है। इस प्रतियोगिता के लिए अखाड़ों में हलचल शुरु हो जाती है। जिला खेल विभाग के तहत शहर राजीव गांधी स्टेडियम और छावनी के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में कोचिग सेंटर हैं। इसके अलावा जिला के करीब तीस अखाड़ों में खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे हैं। कुछ अखाड़ों को खेल विभाग की ओर से मल्टी जिम व रेसलिग मैट भी दिए गए हैं। अधिकतर अखाड़े ऐसे हैं, जिनमें अभी भी मिट्टी में रेसलिग मैच करवाए जाते हैं। खेल विभाग की मानें, तो जिला अखाड़ा प्रतियोगिता के लिए अभी कोई तिथि नहीं आई है। जैसे ही कोई तिथि आती है, तो इसे सार्वजनिक कर अखाड़ों को सूचना भेजी जाएगी। इसके बाद तय हो जाता है कि कितने खिलाड़ी अखाड़ा प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
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यह कहते हैं कोच
महावीर अखाड़ा में रेसलिग कोच दया राम का कहना है कि हालांकि प्रतियोगिता जनवरी माह के आसपास होती है, लेकिन प्रतियोगिता के लिए दो ढाई महीने पहले ही तैयारी शुरू कर देते हैं। अखाड़े में पहलवान नियमित आ रहे हैं और इस प्रतियोगिता के लिए तैयारी भी कर रहे हैं। खेल विभाग की ओर से सूचना आती है, जिस पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाता है।
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जिला अखाड़ा प्रतियोगिता के लिए अभी तिथि फाइनल नहीं हुई है। हां, अखाड़ों में इसके लिए तैयारियां तो इन दिनों शुरू हो जाती हैं। तिथि फाइनल होने के बाद अखाड़ों को सूचना भेजी जाती है।
- अरुणकांत, खेल उपनिदेशक, अंबाला